UP सरकार मनरेगा में विपक्ष को भी दे रही ताकत, वाट्सएप पर जुड़ रहे सांसद प्रतिनिधि से लेकर ग्राम पंचायत सदस्य
MGNREGA Scheme मनरेगा योजना की निगरानी पर केंद्र सरकार का विशेष जोर है। लोगों को गांवों में ही रोजगार देने व भुगतान करने में अक्सर खेल होने की शिकायतें मिलती रही हैं। मनरेगा योजना में तकनीक का सहारा लेकर मोबाइल से मानीटरिंग की जा रही है।

लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। आमतौर पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के जनप्रतिनिधि स्थानीय निकाय से लेकर संसद तक में आमने-सामने होते हैं, ऐसे ज्यादातर जनप्रतिनिधि अलग क्षेत्रों से निर्वाचित होते हैं। मनरेगा योजना के जरिए अब नए दौर की राजनीति हो रही है, जहां एक ही क्षेत्र के जीते व हारे जनप्रतिनिधि को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है। ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर सांसद तक के प्रतिनिधि वाट्सएप ग्रुप पर जोड़े जा रहे हैं, इस कदम से सत्तापक्ष का विस्तार होने के साथ ही विपक्ष को भी ताकत मिलेगी।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना की निगरानी पर केंद्र सरकार का विशेष जोर है। लोगों को गांवों में ही रोजगार देने व भुगतान करने में अक्सर खेल होने की शिकायतें मिलती रही हैं। मनरेगा योजना में तकनीक का सहारा लेकर मोबाइल से मानीटरिंग की जा रही है।
इसके लिए हर ग्राम पंचायत में वाट्सएप ग्रुप बन रहे हैं। उसमें ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर सांसद तक के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि विकास कार्यों का हर दिन आडिट हो सके। खास बात यह है कि हर स्तर पर चुनाव हारने वाले नेताओं को भी ग्रुप से जोड़ा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में 58189 ग्राम पंचायतें हैं, सभी गांवों के वाट्सएप ग्रुप में सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि नहीं जुड़ सकते इसलिए उनके प्रतिनिधियों को जोड़ने के निर्देश हैं। गांव के पंचायत सचिव और रोजगार सेवक वाट्सएप ग्रुप बना रहे।
गांव में मनरेगा योजना के माध्यम से चल रहे कार्य, मस्टररोल, कितने मजदूर कार्य कर रहे आदि ग्रुप पर साझा किया जाएगा। उस पर मौजूदा जनप्रतिनिधि के साथ विपक्ष के प्रतिनिधि भी निगाह रख सकेंगे। वाट्सएप ग्रुप पर शिकायत मिलने या कार्य का विरोध होने पर कार्रवाई कैसे की जाए इस पर मंथन किया जा रहा है।
ये होगा लाभ
वाट्सएप ग्रुप पर मनरेगा के विकास कार्यों की प्रभावी निगरानी हो सकेगी। कामकाज में पारदर्शिता आएगी।साथ ही सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं की हर गांव तक आसानी से पैठ बनेगी, उनके प्रतिनिधि तैयार होंगे, जो संबंधित दलों को आगे चलकर लाभ दे सकते हैं।
ये जनप्रतिनिधि जोड़े जा रहे
सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, ग्राम प्रधान और इन पदों पर चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे नेताओं के प्रतिनिधियों का मोबाइल नंबर वाट्सएप ग्रुप से जुड़ेगा। हर गांव के चार पंचायत सदस्यों को इससे जोड़ा जाएगा।
सभी गांवों में जल्द बनेंगे ग्रुप
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि मनरेगा में सामाजिक प्रतिभाग बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 हजार ग्राम पंचायतों में वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। हर ग्रुप में करीब 20 लोगों को जोड़ा गया है। सभी गांवों में यह ग्रुप जल्द बनकर तैयार होगा।
विपक्ष को भी दे रहें अवसर
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि मनरेगा में पारदर्शिता लाने के लिए जनप्रतिनिधियों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ रहे हैं, केंद्र व प्रदेश सरकार सभी को साथ लेकर चल रही है इसलिए विपक्ष को भी पूरा अवसर दे रहे हैं।
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