यूपी में Green Revolution की तैयारी! CM योगी का बड़ा दावा- 2030 तक प्रदेश का हरित आवरण होगा 20%
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2030 तक प्रदेश का हरित आवरण 20% करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उन्होंने वृक्षारोपण को जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया है। ग ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सीएम योगी ने कहा है कि 2030 तक प्रदेश का हरित आवरण 20 प्रतिशत करना है। यह लक्ष्य तभी हासिल होगा जब वृक्षारोपण जनांदोलन का रूप ले ले। अधिकारी प्रदेश के हर गांव में ''ग्राम-वन'' की कार्ययोजना बनाएं। एक से सात जुलाई तक चलने वाले वृक्षारोपण अभियान में 35 करोड़ पौधे रोपित किए जाने हैं।
शनिवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधरोपण की सफलता के लिए 50 करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार की जाए। उन्होंने लखनऊ में कुकरैल नाइट सफारी निर्माण में तेजी लाने के लिए एक सप्ताह में ठेकेदार चयन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल शासन की नहीं, बल्कि समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी है। निर्देश दिए कि एक से सात जुलाई के बीच वृहद पौधरोपण अभियान पूरी तैयारी, समन्वय और जनभागीदारी के साथ संचालित किया जाए। मंत्रियों को पौधरोपण अभियान से पूर्व तैयारी की समीक्षा करने के निर्देश दिए। कहा कि रोपे जाने वाले पौधों में अधिकतम जैव विविधता सुनिश्चित की जाए।
फलदार, छायादार, औषधीय और इमारती पौधों का संतुलित समावेश किया जाए। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजनाओं के सभी लाभार्थियों सहित ‘जीरो पावर्टी’ श्रेणी में चिन्हित प्रत्येक परिवार को ‘सहजन’ का पौधा दिया जाए। वृक्षारोपण अभियान के बहुआयामी प्रभावों का विश्लेषण कराने के लिए आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का सहयोग लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक व्यापक ‘नदी पुनरोद्धार अभियान’ शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत प्रमुख नदियों के दोनों किनारों पर वृक्षारोपण किया जाएगा। सभी निर्माणाधीन, प्रस्तावित तथा क्रियाशील एक्सप्रेसवे के दोनों ओर खाली भूमि पर नियोजित वृक्षारोपण कराया जाएगा। नेपाल से आने वाली नदियों में अत्यधिक सिल्ट की समस्या को गंभीर बताते हुए उनके चैनलाइजेशन की संभावनाओं पर विचार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। हर जिले की अपनी कोई न कोई विशिष्टता है। कहीं विरासत वृक्ष हैं तो कहीं विविध प्रजातियों के वन्य जीव हैं। इन सभी का दस्तावेजीकरण आवश्यक है। प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय में ‘जैव विविधता रजिस्टर’ तैयार कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में ‘ग्रीन चौपाल’ का आयोजन किया जाए। इसके माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली को अपनाने, कृषि वानिकी तथा टिकाऊ कृषि माडल को प्रोत्साहित करने और पारंपरिक पर्यावरणीय ज्ञान को पुनर्स्थापित करने के प्रयास किए जाएं। ‘ग्रीन चौपाल’ की संरचना और क्रियान्वयन की विस्तृत कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को अत्यंत संवेदनशील मुद्दा बताते हुए निर्देश दिया कि बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और बिजनौर जैसे जिलों में सोलर फेंसिंग की प्रभावी व्यवस्था की जाए। वन क्षेत्रों में सघन गश्त सुनिश्चित की जाए। वन सेवा के सभी संवर्गों में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए। वानिकी प्रशिक्षण संस्थानों कानपुर, मेरठ, आगरा, मऊ, मीरजापुर और प्रतापगढ़ की क्षमता वृद्धि और सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए।
वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि इसका भवन इसकी मूल थीम के अनुरूप हो और यह संस्थान विभागीय प्रशिक्षण शोध व नवाचार का केंद्र बने। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत में पाई जाने वाली कुल 6327 गंगेटिक डाल्फिन में से 2397 उत्तर प्रदेश में हैं, जो देश में सर्वाधिक है।

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