UP News: बाढ़ प्रबंधन व राहत कार्यों में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, मुख्य सचिव ने कहा- तैयारियां समय से की जाएं पूरी
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 20 जून तक मानसून आने की संभावना है। बाढ़ प्रबंधन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 20 जून तक बाढ़ चौकियों की स्थापना की जाए। 26 जून को संवेदनशील जिलों में मॉक ड्रिल होगी। योग दिवस 15 से 21 जून तक मनाया जाएगा और मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय भी बनाए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 20 जून तक पूर्वी उत्तर प्रदेश और 25 जून तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून के प्रवेश की संभावना है।
बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय और समयबद्ध कार्रवाई करें। माइक्रोमैपिंग के आधार पर ग्राम स्तर पर बाढ़ की पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करा ली जाएं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के 24 घंटे सातों दिन संचालन के लिए अधिकारियों व कार्मिकों की ड्यूटी लगा दी जाए।
मुख्य सचिव ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कहा कि 20 जून तक सभी बाढ़ चौकियों की स्थापना की जाए। 26 जून को तहसील स्तर पर आयोजित माक ड्रिल में सभी 44 संवेदनशील जिले अनिवार्य रूप से भाग लें।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के साथ पहले से समन्वय स्थापित करने और उनके ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। संबंधित उपजिलाधिकारी बाढ़ को लेकर संवेदनशील ग्रामों और तटबंधों का निरीक्षण व मरम्मत कार्य 20 जून तक पूरा करें।
जिन जिलों में बाढ़ राहत किट, पका भोजन, अस्थायी शौचालय, सफाई आदि के लिए टेंडर की कार्रवाई पूरी नहीं है वहां तत्काल कराया जाए।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष योग दिवस की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' है। 15 से 21 जून तक योग सप्ताह का आयोजन किया जाना है। 15 जून को सभी जिला मुख्यालय, तहसील, ब्लाक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर योग सप्ताह का उद्घाटन होगा। योगाभ्यास की सूचना प्रतिदिन फोटो सहित पोर्टल पर अपलोड की जाए।
आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार ने बताया कि राज्य स्तर पर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन कराया जा रहा है। इसमें निबंध, स्लोगन, योग चित्रकला व योगासन प्रतियोगिता शामिल है। इसके विजेताओं को 21 जून प्रमाण पत्र व नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में दो-दो मुख्यमंत्री माडल कंपोजिट विद्यालय का निर्माण कराया जाना है। सभी जिलाधिकारी इन विद्यालयों के लिए भूमि एक सप्ताह के अंदर चिह्नित कर लें।
बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा बताया कि 150 मुख्यमंत्री माडल कंपोजिट विद्यालय में से 43 में कार्य प्रारंभ हो चुका है।
इससे पूर्व राहत आयुक्त भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश के 44 जिले, 118 तहसील, 2500 ग्राम और 5600 मजरे बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील हैं। 20 वर्षों में पहली बार रिमोट सेंसिंग के जरिए बाढ़ की माइक्रोमैपिंग की गई है।
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