यूपी में घटी विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद के फ्लैट-प्लॉट की कीमत, योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश में विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के फ्लैट और प्लॉट की कीमतों में कमी आने वाली है। योगी सरकार ने इस संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद की वर्षों से न बिकने वाली संपत्तियों (भवन-भूखंड या फ्लैट) की 25 प्रतिशत तक कीमतें घटने वाली है। सेल के माध्यम से संपत्तियों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण-परिषद आवंटियों को और भी राहत दे सकेंगे।
राज्य सरकार द्वारा मौजूदा ब्याज दर के साथ ही अन्य तरह के चार्जेज में कमी करने से प्राधिकरण-परिषद की नई योजनाओं की संपत्तियों के मूल्य में भी 10 से 15 प्रतिशत की कमी आएगी।
दरअसल, अभी 26 वर्ष तक के पुराने शासनादेशों के माध्यम से ही विकास प्राधिकरण व परिषद की परिसंपत्तियों का मूल्य निर्धारित किया जाता है। परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में जहां 12 से 15 प्रतिशत तक की ब्याज दर रखी जाती है, वहीं 15 प्रतिशत कंटीजेंसी चार्ज तथा 10 से 15 प्रतिशत तक ओवर हेड चार्जेज शामिल होते हैं।
ऐसे में संपत्तियों का मूल्य कहीं अधिक हो जाने से उसे खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं। स्थिति यह है कि 22,350 संपत्तियों में प्राधिकरण-परिषद का लगभग 7200 करोड़ रुपये फंसा हुआ है। इसको देखते हुए संबंधित शासनादेशों की व्यवस्था को समाप्त करते हुए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने नए सिरे से कास्टिंग गाइड लाइंस तैयारी की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में संबंधित आदर्श कास्टिंग गाइड लाइंस (मूलभूत सिद्धांत)-2025 को मंजूरी भी दे दी गई।
जल्द ही लागू होने वाली गाइड लाइंस के मुताबिक सेल के जरिए बेची जाने वाली उन अनिस्तारित संपत्तियों के मूल्य में 25 प्रतिशत तक की अब छूट मिलेगी जो तीन वर्ष पुरानी हो चुकी हैं और पांच बार विज्ञापन निकालने के बाद भी नहीं बिकी हैं।
हालांकि, प्राधिकरण-परिषद को यह सुनिश्चित करना होगा कि छूट के बाद संपत्ति का संशोधित मूल्य उसकी मूल कीमत (पहली बार विज्ञापन में दिया गया मूल्य) से कम न हो।
एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल पर ऐसी अनिस्तारित संपत्तियों पर देखा जा सकेगा। इन संपत्तियों की बिक्री में किसी तरह का आरक्षण लागू नहीं होगा। जिनके पास पहले से प्राधिकरण-परिषद की संपत्ति है वे भी अनिस्तारित संपत्तियों को खरीद सकेंगे।
ऐसी संपत्तियों का 45 दिन में एक मुश्त भुगतान करने पर छह प्रतिशत, 60 दिन में करने पर पांच व 90 दिन में जमा करने पर चार प्रतिशत छूट मिलेगी। कार्नर, पार्क फेसिंग, 18 मीटर या उससे चौड़ी सड़क पर संपत्ति के होने पर लगने वाले अतिरिक्त चार्ज भी कम देना पड़ेगा। प्रत्येक के लिए अब जहां पांच प्रतिशत ही वसूला जाएगा।
वहीं, तीनों के होने पर 15 के बजाय 12 प्रतिशत ही अतिरिक्त चार्ज देना होगा। निम्न आय वर्ग वालों की संपत्तियों को खरीदने वालों को अब आठ प्रतिशत की दर से ही ब्याज देना होगा। ब्याज में दो प्रतिशत की छूट मिलेगी।
गौर करने की बात यह है कि अनिस्तारित संपत्तियों का मूल्य घटने के साथ ही प्राधिकरण-परिषद की नई योजनाओं की संपत्तियों के मूल्य में भी 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी आदर्श कास्टिंग गाइड लाइंस से आएगी।
कारण है कि संपत्तियों के मूल्य निर्धारण में भूमि की लागत, आंतरिक व वाह्य विकास की लागत, भवन निर्माण की लागत संबंधी विभिन्न चार्जेज तथा ब्याज दर को व्यावहारिक बनाया गया है। ब्याज दर को अब 15 प्रतिशत तक के बजाय स्टेट बैंक के एमसीएलआर(मार्जिनल कास्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) से एक प्रतिशत ही अधिक रखा जाएगा।
सरकार का मानना कि नई कास्टिंग गाइड लाइंस से जहां सभी प्राधिकरण व परिषद में संपत्तियों के मूल्यांकन की अब एक जैसी ही व्यवस्था रहेगी वहीं कीमतें घटने से संपत्तियों को खरीदने वाले कम नहीं होंगे जिससे अनिस्तारित संपत्तियों की समस्या भी नहीं खड़ी होगी।

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