यूपी के 2.88 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त से हो सकते हैं वंचित, ये है बड़ी वजह
किसानों की फार्मर रजिस्ट्री तैयार किए जाने के काम की रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में 2,88,70,495 किसानों की रजिस्ट्री तैयार होनी है, परंतु अब तक आधे से थोड़ा अधिक ही काम हो पाया है। 25 जिले तो ऐसे हैं जहां 45 से 50 प्रतिशत तक ही काम हुआ है। जबकि 34 जिले ऐसे हैं जहां 50 से 60 प्रतिशत तक किसानों की रजिस्ट्री की जा चुकी है। केवल 16 जिले ही ऐसे हैं, जहां 60 प्रतिशत से अधिक काम पूरा किया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। किसानों की फार्मर रजिस्ट्री तैयार किए जाने के काम की रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में 2,88,70,495 किसानों की रजिस्ट्री तैयार होनी है, परंतु अब तक आधे से थोड़ा अधिक ही काम हो पाया है। 25 जिले तो ऐसे हैं जहां 45 से 50 प्रतिशत तक ही काम हुआ है। जबकि 34 जिले ऐसे हैं जहां 50 से 60 प्रतिशत तक किसानों की रजिस्ट्री की जा चुकी है। केवल 16 जिले ही ऐसे हैं, जहां 60 प्रतिशत से अधिक काम पूरा किया गया है। ऐसे में रजिस्ट्री न होने पर संबंधित किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त से वंचित होना पड़ सकता है। ऐसे में सरकार ने अधिकारियों को अतिरिक्त प्रयास कर अभियान की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए कृषि विभाग ने पिछले साल 18 दिसंबर को अभियान शुरू किया था। इसके बाद इसके बाद से कई बार अभियान की अवधि बढ़ाई जा चुकी है। अब 16 सिंतबर से विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसके बाद भी अब तक 1,34,79,046 किसानों की रजिस्ट्री तैयार हो सकी है। यह लक्ष्य का 54.28 प्रतिशत ही है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार चंदौली, जालौन, गोंडा, महोबा, मऊ, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, झांसी, इटावा, चित्रकूट, बांदा, हापुड़, रायबरेली, उन्नाव, कासगंज, बुलंदशहर, गोरखपुर, बागपत, संतकबीरनगर, गौतमबुद्धनगर, बलिया, अयोध्या, सुलतानपुर और ललितपुर की प्रगति 50 प्रतिशत से भी कम है। अब सभी जिलों के डीएम को समय सारिणी तैयार कर 30 नवंबर तक हर गांव में किसान पंजीकरण शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। कम प्रगति वालों जिलों को किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाने को भी कहा गया है।
फार्मर रजिस्ट्री में अव्वल जिले
अभियान में सबसे आगे चल रहे 16 जिलों में से सीतापुर में 74.74, बस्ती में 74.40, रामपुर में 71.34, जौनपुर में 69.86, बिजनौर में 68.29, फिरोजाबाद में 66.88, प्रतापगढ़ में 66.65, गाजियाबाद में 64.45, पीलीभीत में 46.42, फर्रुखाबाद में 63.89, हाथरस में 63.15, हमीरपुर में 62.65, औरेया में 62.55, एटा में 61.61, मैनपुरी में 61.19 और मेरठ में 60.65 प्रतिशत किसानों की रजिस्ट्री की जा चुकी है।
फार्मर रजिस्ट्री में फिसड्डी जिले
अभियान में सबसे पीछे चल रहे 25 जिलों में से चंदौली में 49.97, जालौन में 49.89, गोंडा में 49.78, महोबा में 49.71, मऊ में 48.37, कुशीनगर में 48.33, सिद्धार्थनगर में 48.29, फतेहपुर में 47.76, झांसी में 47.59, इटावा में 47.54, चित्रकूट में 47.45, बांदा में 46.82, हापुड़ में 46.81, रायबरेली में 46.76, उन्नाव में 46.73, कासगंज में 46.52, बुलंदशहर में 46.47, गोरखपुर में 46.40, बागपत में 45.70, संतकबीरनगर में 45.17, गौतमबुद्धनगर में 45.06, बलिया में 45.01, अयोध्या में 44.98, सुलतानपुर में 44.94 और ललितपुर में 44.69 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है।

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