UP के 25 जिलों ने बढ़ाई चिंता, फार्मर रजिस्ट्री में पिछड़े; हैरान करने वाला आंकड़ा आया सामने
उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में किसान पंजीकरण की धीमी गति चिंता का विषय बन गई है। इन जिलों में पंजीकरण प्रक्रिया सुस्त होने के कारण किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में देरी हो रही है। कृषि विभाग पंजीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रयासरत है ताकि किसानों को समय पर कृषि संसाधन मिल सकें।
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जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम प्रगति, केवल 16 जिलों में 60 प्रतिशत से अधिक हुआ काम
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। किसानों की फार्मर रजिस्ट्री तैयार किए जाने के काम की रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में 2,88,70,495 किसानों की रजिस्ट्री तैयार होनी है, परंतु अब तक आधे से थोड़ा अधिक ही काम हो पाया है। 25 जिले तो ऐसे हैं जहां 45 से 50 प्रतिशत तक ही काम हुआ है, जबकि 34 जिले ऐसे हैं जहां 50 से 60 प्रतिशत तक किसानों की रजिस्ट्री की जा चुकी है। केवल 16 जिले ही ऐसे हैं, जहां 60 प्रतिशत से अधिक काम पूरा किया गया है।
ऐसे में रजिस्ट्री न होने पर संबंधित किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त से वंचित होना पड़ सकता है। ऐसे में सरकार ने अधिकारियों को अतिरिक्त प्रयास कर अभियान की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए कृषि विभाग ने पिछले साल 18 दिसंबर को अभियान शुरू किया था।
इसके बाद से कई बार अभियान की अवधि बढ़ाई जा चुकी है। अब 16 सिंतबर से विशेष अभियान शुरू किया गया है। इसके बाद भी अब तक 1,34,79,046 किसानों की रजिस्ट्री तैयार हो सकी है। यह लक्ष्य का 54.28 प्रतिशत ही है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार चंदौली, जालौन, गोंडा, महोबा, मऊ, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, झांसी, इटावा, चित्रकूट, बांदा, हापुड़, रायबरेली, उन्नाव, कासगंज, बुलंदशहर, गोरखपुर, बागपत, संतकबीरनगर, गौतमबुद्धनगर, बलिया, अयोध्या, सुलतानपुर और ललितपुर की प्रगति 50 प्रतिशत से भी कम है। अब सभी जिलों के डीएम को समय सारिणी तैयार कर 30 नवंबर तक हर गांव में किसान पंजीकरण शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

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