उत्तर प्रदेश में आबकारी राजस्व में भारी वृद्धि, सरकार ने की 26 हजार करोड़ रुपये की कमाई
उत्तर प्रदेश सरकार को वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में शराब से 26149.32 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है जो पिछले वर्ष से 15.89% अधिक है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि सितंबर में राजस्व 17.40% बढ़ा है। सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 50097 मामले दर्ज किए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शराब से वित्तीय वर्ष के छह माह में सरकार को 26,149.32 करोड़ रुपये आबकारी राजस्व मिला है। पिछले वित्तीय वर्ष में सितंबर तक 22,563.15 करोड़ रुपये सरकार को मिले थे। इस तरह से 15.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ सरकार को 3,586.17 करोड़ रुपये अबकी ज्यादा राजस्व मिला है।
आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि सितंबर तक का लक्ष्य 27,600.00 करोड़ रुपये तय था। सितंबर में 3,811.70 करोड़ रुपये आबकारी राजस्व आया है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के सितंबर की तुलना में 17.40 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने बताया कि अवैध तरीके से शराब बनाने, बेचने व तस्करी के कुल 50,097 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 13.30 लाख लीटर अवैध शराब बरामद करने के साथ ही अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 9463 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
पात्रता सूची नहीं बनाए जाने से दिव्यांग श्रेणी के आरओ में रोष
अनुभाग अधिकारी (एसओ) के रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए दिव्यांग समीक्षा अधिकारियों (आरओ) की पात्रता सूची नहीं मांगे जाने से इस श्रेणी के कार्मिकों में रोष है। समीक्षा अधिकारी मानस मुकुल त्रिपाठी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शासनादेश के मुताबिक दिव्यांग कार्मिकों को पदोन्नति में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की मांग की है।
त्रिपाठी ने बताया है कि सचिवालय प्रशासन विभाग ने 29 सितंबर को जारी आदेश के माध्यम से समीक्षा अधिकारी से अनुभाग अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए क्रमांक 4300 तक के समस्त कार्मिकों की चरित्र पंजिका मांगी है।
इसमें चार प्रतिशत पदों पर पदोन्नति के लिए पात्रता सूची में शामिल दिव्यांग कार्मिकों की चरित्र पंजिकाएं नहीं मांगी गई हैं, जबकि इसके लिए भी आदेश जारी किया जाना चाहिए था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।