UP News: मांग घटने पर बंद की गईं 1486 मेगावाट उत्पादन की छह यूनिट, उपभोक्ता परिषद ने कही ये बात
उत्तर प्रदेश में बारिश के कारण बिजली की मांग घटने से विद्युत उत्पादन निगम ने छह इकाइयों का उत्पादन बंद कर दिया है। उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध करते हुए सभी उपभोक्ताओं को कंज्यूमर राइट रूल-2020 के तहत 24 घंटे बिजली देने की मांग की है। परिषद का कहना है कि मांग घटने पर उत्पादन रोकने की बजाय उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
उपभोक्ता परिषद ने कंज्यूमर राइट रूल-2020 के तहत सभी को 24 घंटे बिजली देने की मांग की
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लगातार वर्षा के चलते बाढ़ व मौसम में आए बदलाव से राज्य में बिजली की मांग घट गई है। मांग घटने से उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन निगम ने 1486 मेगावाट क्षमता की छह विद्युत इकाइयों का उत्पादन बंद कर दिया है।
चार इकाइयां पांच सितंबर तक तथा दो इकाइयां 31 अगस्त तक बंद रहेंगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस तरह उत्पादन ठप कराने के बजाय सभी को 24 घंटे बिजली देने की मांग की है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कंज्यूमर राइट रूल-2020 की धारा 10 में सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली दिए जाने का नियम है। इसके बाद भी राज्य की जनता को 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही है। पांच सितंबर तक चार उत्पादन इकाइयों तथा 31 अगस्त तक दो उत्पादन इकाइयों को लो डिमांड दिखाते हुए बंद किया गया है।
बंद यूनिटों में हरदुआगंज एक्सटेंशन-द्वितीय यूनिट-एक 660 मेगावाट, हरदुआगंज यूनिट-आठ 250 मेगावाट, हरदुआगंज यूनिट-नौ 250 मेगावाट व टांडा यूनिट-एक 110 मेगावाट पांच सितंबर तक तथा टांडा यूनिट- दो 110 मेगावाट व हरदुआगंज यूनिट-सात 105 मेगावाट की है।
उन्होंने कहा है कि गर्मी के कुछ महीनों को छोड़ दें तो अन्य सभी महीनों में शहरों से लेकर गांवों तक 24 घंटे बिजली दी जा सकती है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा कई बार यह बोल चुके हैं कि बिजली का निजीकरण इसलिए किया जा रहा है, जिससे राज्य की जनता को 24 घंटे बिजली दी जा सके।
सभी को 24 घंटे बिजली दिए जाने के नियम के बाद भी में यूपी में 18 घंटे, 21.5 घंटे तथा 24 घंटे के रोस्टर में बिजली देने की व्यवस्था कंज्यूमर राइट रूल का उल्लंघन है।
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