यूपी में रीडिंग गायब कर हो रहा खेल! कंपनियों ने जमा नहीं करवाए 6.22 लाख पुराने मीटर, अब ग्राहकों को हो रही परेशानी
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों द्वारा 6.22 लाख पुराने मीटर जमा न करने का मामला सामने आया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसे लापरवाही बताते हुए बिलिंग में समस्या बढ़ने की आशंका जताई है। उन्होंने मीटर निर्माता कंपनियों पर मनमानी का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही मीटर निर्माता कंपनियों ने 6.22 लाख पुराने मीटर विद्युत वितरण कंपनियों में जमा नहीं कराए हैं।
पुराने मीटर जमा नहीं कराने के मामले में सीतापुर में एफआईआर दर्ज होने और गोंडा व बलरामपुर में एफआईआर दर्ज कराने के आदेशों के बीच यह बड़ा मामला सामने आया है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने 6.22 लाख पुराने मीटर नहीं जमा करने की जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा है कि पुराने मीटरों को जमा नहीं कराए जाने की लापरवाही के बीच बिलिंग की समस्या से उपभोक्ता जूझ रहे हैं। सवाल किया है कि मीटर निर्माता कंपनियों की मनमानी के मामले में कार्रवाई कब की जाएगी।
अब तक 32.28 लाख मीटर लगाए गए
उन्होंने कहा है कि अब तक राज्य में 38.28 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। इन मीटरों को लगाने के लिए उतारे गए 6.22 लाख पुराने मीटरों को विभाग में जमा नहीं कराया गया है। प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही चार निजी क्षेत्र की मीटर निर्माता कंपनियां मनमानी कर रही हैं जिसका खामियाजा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि इस प्रकार का खेल जारी रहा तो करोड़ों, अरबों यूनिट बिजली खपत की जो रीडिंग पुराने मीटरों में दर्ज है वह गायब होना तय है। प्रबंधन और मीटर निर्माता कंपनियां इस मामले में गंभीर नहीं हैं। डिस्प्ले डैमेज करके रीडिंग गायब का बड़ा खेल चल रहा है।
डिस्कॉम- मीटर निर्माता कंपनी- पुराने मीटरों की संख्या जो वापस नहीं किए गए
- पूर्वांचल- जीएमआर-जीनस- 2,42,275
- मध्यांचल- पोलरिस-इन टैली- 92,969
- दक्षिणांचल- जीएमआर-जीनस- 1,34,197
- पश्चिमांचल- इन टैली स्मार्ट- 1,45,123
- केस्को- जीनस 8,000
- योग- 6,22,568
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