लखनऊ शत्रु संपत्तियों की ई-नीलामी, सरकार को होगा लाभ
लखनऊ समेत पांच जिलों में शत्रु संपत्तियों की ई-नीलामी होगी। विभाजन के बाद पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वालों की संपत्तियाँ शत्रु संपत्ति कहलाई गई। सरकार विवाद रहित संपत्तियों को बेच रही है। कब्जेदार को संपत्ति खरीदने का पहला प्रस्ताव दिया जाता है असमर्थ होने पर नीलामी होती है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक शत्रु संपत्तियां हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। देश भर में फैली शत्रु संपत्तियां सरकार के लिए कुबेर का खजाना बनती रही हैं। शत्रु संपत्तियों की नीलामी से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिल रहा है। खजाना भरने से उत्साहित शत्रु अभिकरण कार्यालय इसी माह लखनऊ सहित पांच जिलों में संपत्तियों की ई नीलामी करने जा रहा है। मंत्रालय की वेबसाइट पर इन संपत्तियों की जानकारी उपलब्ध है।
बंटवारे के बाद 1947 से 1962 के बीच पाकिस्तान और चीन नागरिकता लेने वालों की करीब 13 हजार संपत्तियों को शत्रु संपत्ति करार देते हुए केंद्र सरकार ने अपनी कस्टडी में ले ली थी। करीब एक लाख करोड़ की इन संपत्तियों में ही राजा महमूदाबाद की भी 980 संपत्तियां शामिल हैं।
सरकार अब इनमें से उन संपत्तियों को बेच रही है जिनमें किसी तरह का विवाद नहीं है। उत्तर प्रदेश में शत्रु संपत्ति संरक्षक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि लखनऊ के अलावा उन्नाव, मुरादाबाद और बुलंदशहर में शत्रु संपत्तियों की ई नीलामी होने जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्र में एक करोड़ तक और शहरी क्षेत्र में पांच करोड़ रुपये तक की संपत्तियों को खरीदने का प्रस्ताव सबसे पहले कब्जेदार को दिया जाता है, अगर कब्जेदार संपत्ति खरीदने में असमर्थ है तो नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
क्या है शुत्र संपत्तियां
1947 से 1962 के बीच पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों की यहां छूट गई संपत्तियों को शत्रु संपत्ति मानते हुए सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। सरकार ने शत्रु संपत्तियों को गृह मंत्रालय के अधीन शत्रु संपत्ति संरक्षक को सौंप दिया।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद शत्रु संपत्ति अधिनियम को 1968 में लागू किया गया था, जो ऐसी संपत्तियों को विनियमित करता है और इसमें संरक्षक की शक्तियां भी बताई गईं। मौजूद 12,611 संपत्तियों में से 12485 पाकिस्तानी नागरिकों से संबंधित हैं जबकि 126 चीनी नागरिकों की हैं।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 6,255 शत्रु संपत्तियां हैं इसके बाद पश्चिम बंगाल (4088), दिल्ली (659), गोवा (295), महाराष्ट्र (208), तेलंगाना (158), गुजरात (151), त्रिपुरा (105), बिहार (94), मध्य प्रदेश (94), छत्तीसगढ़ (78) और हरियाणा में 71 शत्रु संपत्तियां हैं।
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