यूपी में निजीकरण के विरोध में एक जनवरी से बिजली कर्मी करेंगे प्रदर्शन, लखनऊ में होगी रैली
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में 1 जनवरी से प्रदर्शन करेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार बिजली विभाग का निजीकरण कर रह ...और पढ़ें

निजीकरण के विरोध में एक जनवरी से बिजली कर्मियों का विरोध प्रदर्शन।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध और आंदोलन के बाद किए गए उत्पीड़न की कार्रवाई को समाप्त कराने के लिए एक जनवरी से आंदोलन करेगी। एक से आठ जनवरी तक ड्यूटी के दौरान बिजली कर्मी काली पट्टी बांधेंगे। आठ जनवरी को सभी डिस्काम मुख्यालयों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 21 जनवरी को लखनऊ में बिजली कर्मियों की रैली होगी।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि रविवार को सभी जिला संयोजक, सह संयोजक, श्रम संघों और सेवा संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बिजली कर्मियों के उत्पीड़न पर रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि निजीकरण के विरोध के चलते पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने एक वर्ष में मनमाने ढंग से अल्प वेतन भोगी हजारों संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
हजारों बिजली कर्मचारियों का प्रशासनिक आधार पर दूरस्थ स्थानों पर तबादला किया गया है। जिसमें महिला कर्मी भी शामिल हैं। फेशियल अटेंडेंस के नाम पर महीनों तक बिजली कर्मियों का वेतन रोक कर रखा गया है। कार्यालय समय के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग से अलग हटने वाले 87 अधिशासी अभियंताओं को चार्जशीट देकर उनकी पदोन्नति और अन्य देय रोक दिए गए हैं।
यही नहीं बिजली कर्मियों को एक्ट के तहत मिल रही रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने के लिए उनके घरों पर जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। संघर्ष समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में झूठी एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इन सबके विरोध में आठ जनवरी से ड्यूटी के बाद बिजली कर्मी आपूर्ति के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं करेंगे। उपभोक्ताओं और किसानों की समस्याएं प्राथमिकता पर दूर की जाएंगी।
सरकार की बिजली बिल राहत योजना में सहयोग किया जाएगा। रैली में बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं के आंदोलन के अगले कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे।

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