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    UP News: बिजली निजीकरण के खिलाफ विधिक आपत्ति दाखिल करेगा उपभोक्ता परिषद, ये होगी मांग

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 10:42 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद 42 जिलों में बिजली के निजीकरण के खिलाफ नियामक आयोग में आपत्ति दर्ज कराएगा। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार ऊर्जा विभाग निजीकरण का मसौदा लेकर आयोग पहुंच सकता है इसलिए परिषद प्रस्ताव को खारिज करने की मांग करेगा। उनके अनुसार बिजली दरों को लेकर पहले से ही कई मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं इसलिए आयोग निजीकरण को मंजूरी नहीं दे सकता।

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    ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को खारिज करने की होगी मांग

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद 42 जिलों में बिजली के निजीकरण को लेकर विद्युत नियामक आयोग में विधिक आपत्ति दाखिल करेगा। 

    परिषद का कहना है कि निजीकरण के मसौदे को लेकर ऊर्जा विभाग सोमवार को नियामक आयोग पहुंच सकता है, इसलिए वो आपत्ति दाखिल करके निजीकरण के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग करेगा।

    विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के अनुसार नियामक आयोग ने पिछले पांच वर्ष में जो भी बिजली दरें जारी की हैं, उसके खिलाफ कंपनियां व उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दायर कर रखा है। 

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    दूसरी तरफ पिछले पांच वर्षों में जिस कानून के तहत बिजली दरों को तय किया गया है, उस कानून को नोएडा पावर कंपनी ने हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। विद्युत नियामक आयोग उसमें पार्टी है। 

    ऐसे में जो मामला उच्च स्तर पर विचाराधीन है और बिजली दर में दिए गए आंकड़े ही विवादित हैं तो आयोग उसके अनुसार निजीकरण के मसौदे को कैसे हरी झंडी दे सकता है। विवादित आंकड़ों पर विद्युत नियामक आयोग प्रदेश के 42 जिलों को बेचने के लिए अनुमति संवैधानिक रूप से नहीं दे सकता है।

    अवधेश वर्मा ने कहा कि इन्हीं विधिक विवादों के चलते विद्युत नियामक आयोग ने हमेशा उपभोक्ताओं के 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस के एवज में बिजली दरों में आज तक कमी नहीं की, तो ऐसे में उन आंकड़ों को कैसे अंतिम मानकर 42 जनपदों के निजीकरण को आगे बढ़ाने की हरी झंडी दे सकता है। 

    आयोग ने जो अंतरिम वैधानिक व वित्तीय कर्मियों के आधार पर मसौदे को वापस किया गया है, उसमें यह इंगित कर देना चाहिए कि जब तक सभी विचाराधीन मामलों पर अंतिम निर्णय नहीं आ जाता और आंकड़े फाइनल नहीं हो जाते बिजली कंपनियों को बेचने की कोई भी अनुमति किसी भी रूप में नहीं दी जा सकती है। उपभोक्ता परिषद इन सभी पहलुओं पर विधिक प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग के सामने पेश करेगा।