UP News: बिजली उपभोक्ताओं को मिले 44 हजार करोड़ रुपये की आरडीएसएस योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत 44094 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने निजीकरण पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है। सरकार ने स्मार्ट प्री-पेड मीटरों पर भी 27342 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र सरकार की आरडीएसएस (पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना) के तहत राज्य में बिजली व्यवस्था में सुधार पर 44,094 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा है कि जब बिजली व्यवस्था में सुधार पर भारी-भरकम धनराशि खर्च की जा रही है तब बिजली का निजीकरण क्यों किया जा रहा है?
बिजली उपभोक्ताओं को इसका लाभ देने के साथ ही सरकार पूरे मामले की जांच कराए। वर्मा ने कहा कि घाटा कम करने के लिए लगभग 16,112 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं। स्मार्ट प्री-पेड मीटरों पर 27,342 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
वर्मा ने बताया कि बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग को बिजली दर के मामले में बताया है कि निजीकरण को लेकर बिजली कर्मियों के धरना-प्रदर्शन के कारण आरडीएसएस योजना का लाभ अभी दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन वित्तीय वर्ष के अंत तक दिखाई देगा। ऐसे में पावर कारपोरेशन प्रबंधन निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेकर आरडीएसएस योजना का लाभ बिजली उपभोक्ताओं को दे।
वर्ष 2047 तक सात करोड़ ओबीसी छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
राज्य ब्यूरो। विकसित उत्तर प्रदेश के विजन में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सशक्तिकरण की रूपरेखा भी बनाई जा रही है। योगी सरकार आठ सालों में कुल 2.07 करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ दे चुकी है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का लक्ष्य वर्ष 2047 तक सात करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80 हजार करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देकर शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बराबरी सुनिश्चित करना है।
वहीं, शादी अनुदान योजना में इस अवधि में 24 लाख बेटियों को 14,400 करोड़ रुपये का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में 11 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने पर 3,850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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