बिजली बिल में राहत देने के लिए कस्टमर को नोटिस देगा विभाग, अब यूपी में सरचार्ज होगा माफ, मूलधन में मिलेगी ये भारी छूट
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने 1 दिसंबर से शुरू होने वाली ‘बिल राहत योजना’ की तैयारियों की समीक्षा की। यह योजना लंबे समय से बिल न भरने वाले, कभी भुगतान न करने वाले उपभोक्ताओं और बिजली चोरी के मामलों के निस्तारण के लिए है। योजना में पहली बार सरचार्ज पूरी तरह माफ होगा और मूलधन पर 25% की छूट मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने एक दिसंबर से शुरू होने वाले ‘बिल राहत योजना’ की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि योजना नेवर पेड (कभी बिजली बिल नहीं जमा करने वाले), लांग अनपेड (लंबे समय से बिल की अदायगी नहीं करने वाले) तथा बिजली चोरी के प्रकरणों के समाधान के लिए है। पहली बार सरचार्ज पूरा माफ तथा मूलधन में 25 प्रतिशत छूट मिल रही है। उन्होंने कहा कि हर पात्र उपभोक्ता को तीन पेपर जिसमें नोटिस, योजना की जानकारी देने वाले पैंफ्लेट तथा तीसरे पेपर में बकाए का ब्योरा होगा।
समीक्षा बैठक में दिए ये आदेश
गुरुवार को समीक्षा बैठक में अध्यक्ष ने अधिकारियों को प्रत्येक बिजली बिल बकाएदार उपभोक्ता से संपर्क करने के निर्देश दिए। बिजली चोरी के मामलों में बताएं कि योजना के माध्यम से मुकदमे तथा एफआइआर का निस्तारण किया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि जिन क्षेत्रों में ज्यादा बकायेदार हैं वहां विशेष रणनीति बनाकर कार्य करें।
गांवों व शहरी क्षेत्रों में जरूरत के हिसाब से कैंप लगाएं। अधिकारी, कार्मिकों के साथ गावों के बकाएदार उपभोक्ताओं से संपर्क कर योजना में पंजीकरण कराएं। योजना सिर्फ दो किलोवाट तक के घरेलू और एक किलोवाट तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर लागू होगी।
योजना में पंजीकरण कराने के निर्देश
विजिलेंस टीम तैयार करेगी बिजली चोरी के मामलों की सूची विजिलेंस के अपर पुलिस महानिदेशक जेएन सिंह ने विजिलेंस के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बिजली चोरी के तहत दर्ज एफआइआर के प्रकरणों की सूची बनाकर एक-एक उपभोक्ता से संपर्क कर योजना में पंजीकरण कराएं।
प्रदेश में लाखों की संख्या में बिजली चोरी में एफआइआर के मामले हैं। अकेले लखनऊ में ही 31 हजार एफआइआर है। प्रदेश में नेवर पेड के 54,12,443 उपभोक्ता तथा लांग अनपेड उपभोक्ताओं की संख्या 91,45,985 है। कुल 1,45,58,428 उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर मूल धनराशि व सरचार्ज मिलाकर 45980 करोड़ रुपये बकाया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।