UP Election Result 2022: सुरक्षित विधानसभाओं पर भाजपा गठबंधन का दबदबा, 86 में से सबसे ज्यादा 65 सीटों पर कब्जा
UP Vidhan Sabha Election Result 2022 प्रदेश की सुरक्षित विधानसभाओं पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है। इस बार भाजपा ने ऐसी 86 में से 65 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। सपा गठबंधन ने केवल 20 सीटें जीती हैं।
लखनऊ, [धर्मेश अवस्थी]। प्रदेश में 18वीं विधान सभा के चुनाव में एक बार फिर साबित हो गया है कि सुरक्षित सीटें सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी हैं, जो दल इनमें से अधिकांश सीटें जीतता रहा है, उसे ही सत्ता मिली है। भाजपा गठबंधन ने लगातार दूसरी बार सीटें जीतने में न केवल ओवरआल शानदार प्रदर्शन किया है, बल्कि 65 सुरक्षित सीटों पर भी सफलता पाई है। हालांकि 2017 में भाजपा ने 70 आरक्षित विधान सभा सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, सपा गठबंधन को केवल 20 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है।
सूबे में 403 विधान सभा सीटों में से 86 सीटें सुरक्षित हैं। इनमें से 84 अनुसूचित जाति और दो सीटें जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर जीत का परचम फहराने के लिए भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस आदि सियासी दलों ने दलित वर्ग के मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। उसमें जनता ने सबसे अधिक भरोसा भाजपा गठबंधन पर जताया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की वजह से कड़े मुकाबले के आसार थे। इसके बाद भी भाजपा गठबंधन ने पहले चरण की नौ सीटों में से आठ पर व दूसरे चरण की इतनी ही सीटों में से सात पर विजय हासिल की। तीसरे व चौथे चरण में भी क्रमश: 15 में से 13 और 16 में से 15 पर परचम फहराया। पांचवें और छठे चरण में भी भाजपा की बढ़त जारी रही।
सातवें चरण में जरूर भाजपा गठबंधन को 13 में से केवल छह सीटों पर जीत हासिल हो सकी। सपा गठबंधन में शामिल रालोद ने पुरकाजी, महादेवा, बेल्थरा रोड व जखनिया से सुभासपा, भाजपा गठबंधन से अपना दल एस ने कायमगंज, घाटमपुर, मऊरानीपुर व छानबे और बाबागंज से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने विजय हासिल की है। अन्य आरक्षित सीटों पर भाजपा व सपा ने ही परचम फहराया है। वहीं, बसपा व कांग्रेस कोई भी सीट जीत नहीं सकी है।
2007 में बसपा ने 61 सीटों पर दर्ज की थी जीतः 2007 के विधान सभा चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए 89 सीटें आरक्षित थीं, तब बसपा ने 61 आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा ने 13, भाजपा ने सात, कांग्रेस ने पांच, आरएलडी, राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी व निर्दलीय ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की थी। बसपा ने 69 प्रतिशत सुरक्षित सीटों पर जीत दर्ज कर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा किया था और पूरे पांच साल सरकार चलाई।
2012 में 58 सीटें जीतकर सपा की बनी थी सरकारः साल 2012 के भी विधानसभा चुनाव में 85 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित थी। सपा ने इनमें से 58, बसपा ने 15, कांग्रेस ने चार, बीजेपी ने तीन, आरएलडी ने तीन और निर्दलीयों ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा ने इस चुनाव में आरक्षित वर्ग की 68 प्रतिशत सीटों पर जीत दर्ज कर प्रदेश में अपने दम पर बहुमत लाकर पहली बार सरकार बनाई थी।
भाजपा ने 2017 में जीती थी 88 फीसदी सीटेंः 2017 के विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीटों की संख्या 86 हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश में पहली बार दो सीटें एसटी के लिए आरक्षित की गई थीं। ये दोनों सीटें सोनभद्र जिले में हैं। भाजपा ने इनमें से 70 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उसने एससी वर्ग की 69 और एसटी वर्ग की एक सीट जीती थी। वहीं, सपा ने सात, बसपा ने दो और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी। अपना दल एस ने तीन सीटें जीती थी। इनमें से दो एससी और एक एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट थी। सुभासपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 88 प्रतिशत सीटों पर जीत दर्ज कर प्रदेश में सरकार बनाई थी।
पहले चरण की सीटें - 58 - आरक्षित - नौ
दूसरे चरण की सीटें - 55 - आरक्षित - नौ
तीसरे चरण की सीटें - 59 - आरक्षित - 15
चौथे चरण की सीटें - 59 - आरक्षित - 16
पांचवें चरण की सीटें - 61 - आरक्षित - 13
छठे चरण की सीटें - 57 - आरक्षित - 11
सातवें चरण की सीटें - 54 - आरक्षित - 13
आरक्षित सीटों पर प्रदर्शन
वर्ष - भाजपा - सपा - बसपा - कांग्रेस - अन्य
2002 - 17 - 39 - 21 - 02 - 10
2007 - 07 - 12 - 62 - 05 - 03
2012 - 06 - 59 - 17 - 02 - 01
2017 - 70 - 07 - 02 - 00 - 07
2022 - 65 - 20 - 00 - 00 - 00
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