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    UP Election 2022: बीएसपी चीफ मायावती ने सभी 403 विधानसभा सीटों पर उतारे प्रत्याशी, जानें- बीजेपी समेत अन्य दलों की स्थिति

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 23 Feb 2022 04:51 PM (IST)

    UP Vidhan Sabha Election 2022 यूपी चुनाव में कुल 4441 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। पूर्व की भांति किसी से भी गठबंधन किए बिना बसपा एक बार फिर अकेले चुनाव मैदान में उतरी है और सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी खड़ाकर हाथी के निशान पर वोट मांग रही है।

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    UP Vidhan Sabha Election 2022: जीतें चाहे जितनी सीटें पर ताल ठोंकने में अव्वल बसपा।

    लखनऊ [अजय जायसवाल]। अब यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा कि कौन पार्टी कितनी विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब रही लेकिन चुनावी अखाड़े में ताल ठोकने में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अव्वल है। एक मात्र बसपा ही है जो उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दूसरे पायदान पर कांग्रेस, भाजपा और फिर सपा, रालोद जैसी प्रमुख पार्टियां हैं। कई ऐसी पार्टियों ने भी चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की है जिनका पूर्व में न कोई खास वजूद रहा है और न ही चुनाव में उन्हें कोई खास सफलता मिली है। सभी प्रमुख दलों की चुनाव में दावेदारी पर एक रिपोर्ट...

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    18वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में कुल 4441 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। पूर्व की भांति किसी से भी गठबंधन किए बिना बसपा एक बार फिर अकेले चुनाव मैदान में उतरी है और सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी खड़ाकर 'हाथी' के निशान पर वोट मांग रही है। पांच वर्ष पहले के चुनाव में भी 403 सीटों पर लड़ी बसपा के 19 प्रत्याशी ही जीते थे। हालांकि, पार्टी को 22.23 प्रतिशत वोट मिले थे। एक दशक पूर्व 2012 में सूबे की सत्ता गंवाने पर भी मायावती ने 403 उम्मीदवार उतारे थे। तब बसपा के विधायक तो 80 ही जीते थे लेकिन वोट 25.91 प्रतिशत मिले थे। हालांकि, वर्ष 2006 में भी 403 सीटों पर लड़ी बसपा ने 30.43 प्रतिशत वोट के साथ 206 सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी।

    उम्मीदवार उतारने में अबकी कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। कई चुनाव बाद कांग्रेस ने 400 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। बिजनौर सदर सीट से भी पार्टी ने प्रत्याशी उतारा था लेकिन उसका पर्चा खारिज हो गया जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ पार्टी ने खुद उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। पिछले चुनाव में सपा से गठबंधन होने से कांग्रेस सिर्फ 114 सीटों पर लड़ी थी जिसमें से उसे सात सीटों पर ही सफलता मिली थी।

    प्रत्याशी खड़ा करने में अबकी भाजपा तीसरे स्थान पर है। भाजपा 'कमल के फूल' के साथ जहां 370 सीटों पर उतरी वहीं शेष 33 सीटों में से सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) 17 पर और 16 सीटों पर निषाद (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। पिछली बार भी भाजपा 403 सीटों पर न लड़कर 384 पर ही चुनाव मैदान में उतरी थी जिसमें से उसने रिकार्ड 312 सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। शेष सीटों पर सहयोगी दल लड़े और 13 सीटें जीते थे। वर्ष 2012 में जरूर भाजपा 398 पर लड़ी थी लेकिन जीती 47 ही थी।

    छोटे दलों से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी समाजवादी पार्टी के सिंबल साइकिल पर 346 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन में सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल 33, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 17, अपना दल कमेरावादी छह और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से एक प्रत्याशी है। सपा ने रामपुर खास से प्रत्याशी नहीं उतारा है। यहां से कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना चुनाव लड़ रही हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी सपा के 311 उम्मीदवारों ने ही 'साइकिल' पर वोट मांगे थे। एक दशक पहले 2012 में सपा 401 सीटों पर लड़ी थी और 224 सीटें जीतकर सरकार बनाने में कामयाब रही थी।

    राज्य स्तरीय पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने पिछले चुनाव में 277 प्रत्याशी तो खड़े किए थे लेकिन उनमें से जीते सिर्फ एक थे। अबकी सपा के साथ गठबंधन होने से पार्टी को अधिक सीटें जीतने की उम्मीद जरूर है लेकिन उसके प्रत्याशी 33 ही हैं। पिछले चुनाव में एक सीट भी न जीतने वाली एआईएमआईएम ने 38 प्रत्याशी उतारे थे। इस बार एआईएमआईएम ने 103 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में पार्टियां जहां 302 थी वहीं उनके प्रत्याशी 3391 थे। जहां तक निर्दलीयों की बात है तो पिछली बार 1462 निर्दलीय चुनाव लड़े थे जिसमें तीन ही जीते थे। इनमें से अबकी कितनों को सफलता मिलती है इसका पता 10 मार्च को ही चलेगा।

    यूपी चुनाव में प्रमुख दलों के प्रत्याशी

    • पार्टी : प्रत्याशी
    • बहुजन समाज पार्टी : 403
    • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 400
    • भारतीय जनता पार्टी : 370
    • समाजवादी पार्टी : 346
    • एआईएमआईएम : 103
    • राष्ट्रीय लोकदल : 33
    • सुभासपा : 17
    • अपना दल (सोनेलाल) : 17
    • निषाद पार्टी : 16
    • अपना दल (कमेरावादी) : 06
    • नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी : 01