हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल देने की तैयारी, विकसित UP @2047 के लिए स्कूल शिक्षा का रोडमैप हो रहा तैयार
उत्तर प्रदेश सरकार 2047 तक 'विकसित उत्तर प्रदेश' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्कूली शिक्षा में सुधार कर रही है। सरकार शिक्षा को तकनीक और उद्यमिता ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार स्कूल शिक्षा को नई दिशा देने में जुट गई है। लक्ष्य है कि प्रदेश का हर नागरिक शिक्षित, कुशल और अर्थव्यवस्था में सार्थक योगदान देने योग्य बने। इसके लिए प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक शिक्षा की गुणवत्ता, पहुंच और पारदर्शिता बढ़ाने की व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है।
अभी पिछले माह हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि स्कूल शिक्षा को तकनीक, नवाचार, उद्योग साझेदारी और उद्यमिता से जोड़ा जाए, ताकि बच्चे भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार हो सकें। नई तकनीकों से सीखने की व्यवस्था, व्यावसायिक शिक्षा को मजबूती और ग्लोबल स्टैंडर्ड की शिक्षण पद्धति लागू करने को शिक्षा सुधार यात्रा के मुख्य स्तंभ माना गया है।
विभाग का मानना है कि विकसित प्रदेश का सपना तभी पूरा होगा जब शिक्षा व्यवस्था पारदर्शी हो, सभी बच्चों को समान अवसर मिले और हर स्कूल में गुणवत्ता सुनिश्चित हो। शासन, वित्त और जवाबदेही को मजबूत बनाते हुए शिक्षा के हर स्तर पर सुधार का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में स्कूलों की मौजूदा स्थिति भी बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत दिखाती है।
बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था में निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की बड़ी भूमिका है, इसलिए सुधार की योजना दोनों प्रकार के स्कूलों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इस पर प्रमुख फोकस है।
इसी दिशा में शिक्षकों के प्रशिक्षण, कोर लर्निंग आउटकम्स में सुधार और डिजिटल शिक्षण साधनों के उपयोग को बढ़ाने की तैयारी है। सरकार स्कूल शिक्षा को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक नया रूप देने की तैयारी में है, ताकि आने वाले वर्षों में हर बच्चा शिक्षा, कौशल और रोजगार के अवसरों में आगे बढ़ सके।
यह है स्कूली शिक्षा की तस्वीर:
प्रदेश में कुल 133,856 परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें 1.70 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं और 6.06 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। 2,368 सेकेंडरी स्कूलों में 5.39 लाख विद्यार्थी और 15 हजार शिक्षक हैं। 8,262 राजकीय अनुदानित स्कूलों में 45 लाख बच्चे और 90 हजार शिक्षक जुड़े हैं। इसके अलावा 1,04,508 निजी विद्यालयों में 4.49 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं और 8.23 लाख शिक्षक कार्यरत है।

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