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    UP: केजीबीवी में गोरखपुर, रायबरेली, प्रयागराज समेत कई जिलों में भर्ती अटकी, प्रभावित हो रहा शिक्षण कार्य

    By Vivek Rao Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:27 PM (IST)

    KHBV in UP: एक साल पहले विज्ञापन जारी होने के बावजूद चयन प्रक्रिया आगे न बढ़ने पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने हाल ही में समीक्षा बैठक में कड़े सवाल उठाए। 

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    कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां कई जिलों में माह से अटकी हुई हैं। एक साल पहले विज्ञापन जारी होने के बावजूद चयन प्रक्रिया आगे न बढ़ने पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने हाल ही में समीक्षा बैठक में कड़े सवाल उठाए। इसके बाद विभाग ने सभी जिलों को साफ निर्देश दिए हैं कि लंबित पदों पर भर्ती तुरंत पूरी की जाए, ताकि विद्यालयों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

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    प्रदेश में कुल 746 केजीबीवी संचालित हैं, जहां शिक्षण एवं गैर-शिक्षण पदों पर 11 माह 29 दिन के संविदा आधार पर नियुक्ति की जाती है। इसके लिए जिला स्तर पर विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे जाते हैं और मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी चयन प्रक्रिया पूरी करती है। लेकिन कई जिलों में यह प्रक्रिया अब तक शुरू ही नहीं हो पाई है, जिससे विद्यालयों में शिक्षक संख्या घट गई है और शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है।

    सबसे खराब स्थिति 10 जिलों में है। गोरखपुर में सबसे अधिक 127 पद खाली हैं। इसके बाद बलरामपुर में 83, रायबरेली 73, अलीगढ़ और गाजीपुर में 67-67, प्रयागराज 58, भदोही 57, महोबा 56, एटा 54 और बस्ती में 51 पद रिक्त हैं। इन जिलों ने जनवरी 2025 से नवंबर 2025 के बीच अलग-अलग तारीखों में विज्ञापन जारी किए थे, लेकिन जिला चयन समितियों ने नियुक्ति प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई। वहीं, कुछ जिलों में स्थिति बेहतर है।

    अंबेडकरनगर, जौनपुर और कुशीनगर में एक भी पद खाली नहीं है। गौतमबुद्धनगर, कानपुर देहात और श्रावस्ती में दो-दो, ललितपुर और मैनपुरी में तीन-तीन, जबकि बागपत और रामपुर में पांच-पांच रिक्त पद हैं।

    बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को स्पष्ट रूप से कहा है कि बिना किसी देरी के पूरी भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करें। लंबे समय तक पद खाली रहने से केजीबीवी में शैक्षिक गतिविधियों पर सीधा असर पड़ता है, जो बालिकाओं की शिक्षा के लिए नुकसानदायक है।