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बनारस की मिर्ची और बलिया का परवल के नाम से भी जाने जाएंगे यूपी के जिले, लागू होगी 'एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना'

ODOP Agriculture Scheme उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक जिला एक उत्पाद योजना की तर्ज पर एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना लागू करेगी इसमें जिलावार होने वाली फसलों को ही प्रोत्साहित किया जाना है ताकि अन्नदाता की वाजिब मूल्य मिले और उसकी उपज आसानी से उपलब्ध हो सके।

By Umesh TiwariEdited By: Sun, 22 Aug 2021 07:23 PM (IST)
बनारस की मिर्ची और बलिया का परवल के नाम से भी जाने जाएंगे यूपी के जिले, लागू होगी 'एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना'
योगी सरकार 'एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना' लागू करेगी।

लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। बनारस की मिर्ची, उरई (जालौन) की सब्जी मटर, बलिया का परवल और झांसी की तुलसी के नाम से भी अब उत्तर प्रदेश के ये जिले पहचाने जाएंगे। अन्नदाता सिर्फ इन्हीं जिलों में ही पसीना बहाकर विशेष फसलें नहीं उपजा रहे, बल्कि हर जिले में किसानों की मेहनत अलग रूप में खेतों में लहलहा रही है। योगी सरकार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की तर्ज पर 'एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना' लागू करेगी, इसमें जिलावार होने वाली फसलों को ही प्रोत्साहित किया जाना है, ताकि अन्नदाता की वाजिब मूल्य मिले और उसकी उपज आसानी से उपलब्ध हो सके।

उत्तर प्रदेश में ओडीओपी योजना लागू है, इसमें स्थानीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों यानी एमएसएमई की ओर से निर्मित हस्तशिल्प, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, वस्त्र व अन्य पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सभी जिलों की सूची में कृषि की तीन फसलें सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, गोंडा की दाल व बहराइच का गेहूं ही शामिल है, साथ ही कुछ उद्यान विभाग की फसलें जगह पा सकी हैं।

कृषि विभाग ने ओडीओपी योजना की तरह जिलावार उपजाई जा रही फसलों को सूचीबद्ध किया है। सभी 75 जिलों में कृषि व उद्यान विभाग की देखरेख में पैदावार की जा रही है। जैसे, चंदौली का काला चावल, मीरजापुर का टमाटर आदि भी सूची में है। फसलों की जिलावार सूची और योजना पर मुख्य सचिव की सहमति मिल गई है, मेक इन इंडिया को मूर्तरूप देने में किसानों भी भागीदार हों, इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, इसी माह के अंत तक उस पर मुहर लगने के आसार हैं।

उद्यमी, विश्वविद्यालय के आएंगे विशेषज्ञ : किसानों के उत्पाद का प्रचार-प्रसार करने के लिए हर जिले में दो दिन का मेला लगाया जाएगा। जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री व कृषिमंत्री आदि पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाएंगे। इसी मेले में उद्यमी और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ भी आएंगे जो संबंधित फसल को बेहतर उपजाने के गुर सिखाएंगे, सरकार किसानों को वित्तीय मदद करने पर मंथन कर रही है।

दिसंबर तक चलेगा अभियान, मिलेगा रोजगार : जिलों के कृषि उत्पादों की बेहतरी के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक अभियान चलेगा। हर जिले में किसानों को बेहतर जानकारियां दी जाएंगी। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, क्योंकि उत्पाद की पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मार्केटिंग भी होगी। किसानों की उपज दूसरे राज्य व विदेश तक पहुंचे इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

जिलावार फसलों को किया गया चिन्हित : अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि ओडीओपी के तहत किसानों को लाभान्वित कराने के लिए एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना लाने जा रहे हैं, जिलावार फसलों को चिन्हित कर लिया गया है, योजना में कृषि के साथ उद्यान विभाग भी शामिल है। अभी बारिश का मौसम है, अक्टूबर से दिसंबर तक योजना को लेकर किसानों के बीच जाएंगे।