लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Gorakhnath Temple Attack गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले आतंकी अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाए जाने के पीछे पुलिस की प्रभावी पैरवी भी एक बड़ा कारण है। डीजीपी डा.डीएस चौहान का कहना है कि इस प्रकरण की एटीएस व अन्य जांच एजेंसियों से मिलकर बड़ी गहनता से जांच की थी।
आरोपित मुर्तजा के आतंकी संगठन आइएस के सीधे संपर्क में होने के साथ ही उसके टेरर फंडिंग में माहिर होने के प्रणाम मिले थे। आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद पुलिस ने अभियोजन के सहयोग से लगातार प्रभावी पैरवी की। जिसका सुखद परिणाम है कि साठ दिन के भीतर फांसी की सजा सुनाई गई।
यह दर्शाता है कि यूपी पुलिस व उत्तर प्रदेश की जो न्याय प्रणाली व्यवस्था है, उसमें अच्छा सुधार हुआ है। यह लोगों को सकारात्मक संदेश देता है। ऐसे लोग जो देश की अखंडता, एकता व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होती है। जो नागरिक कानून में विश्वास रखते हैं, इससे उनकी कानून के प्रति आस्था और बढ़ती है।
यूपी पुलिस की सभी जांच शाखओं में सर्वाधिक काम अभियोजन के स्तर पर हो रहा है। अब तक प्रदेश में माफिया व अपराधियों के विरुद्ध गैंगेस्टर एक्ट के तहत जितनी भी कार्रवाई हुईं, उनमें अारोपपत्र दाखिल होने के बाद पुलिस मानती है कि उसका असली कार्य आरंभ हुआ है। अपराधियों को सजा दिलाना पुलिस का लक्ष्य है।