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    उत्तर प्रदेश बना मेक इन इंडिया का पावरहाउस, ब्रह्मोस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ डिफेंस कॉरिडोर ने पकड़ी रफ्तार

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 07:24 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अब तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका लक्ष्य रक्षा विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनना है। 62 रक्षा कंपनियों को 977.54 ...और पढ़ें

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    यूपी डिफेंस कॉरिडोर मेक इन इंडिया का बढ़ता पावरहाउस

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक, उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC), अब धरातल पर तेजी से उतर रहा है। देश को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के राष्ट्रीय विजन को साकार करते हुए, यह कॉरिडोर प्रदेश को रक्षा विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा रहा है। अब तक, 62 रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिसके माध्यम से 11,997.45 करोड़ का निवेश और 14,256 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह कॉरिडोर अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की सफलता की गाथा बन चुका है।

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    प्रगति का विवरण और रणनीतिक विस्तार

    1. भूमि अधिग्रहण और नोड्स का विकास

    यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) इस कॉरिडोर के क्रियान्वयन में नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत है। कॉरिडोर के 6 रणनीतिक नोड्स (अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा) के लिए कुल 2,097 हेक्टेयर से अधिक भूमि स्वीकृत की गई थी, जिसमें से 2,040 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि का अधिग्रहण सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।

    • नोड-वाइज आवंटन:

    • झांसी: सबसे अधिक 571 हेक्टेयर भूमि 17 कंपनियों को आवंटित।
    • कानपुर: 5 कंपनियों को 210 हेक्टेयर जमीन आवंटित।
    • अलीगढ़: सबसे ज्यादा 24 कंपनियों को भूमि आवंटित।
    • लखनऊ: 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से अधिक भूमि दी गई।
    • चित्रकूट, अलीगढ़ फेज-2 और आगरा नोड में भी जल्द ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।

    2. निवेश और रोजगार के बढ़ते आंकड़े

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रिय मॉनिटरिंग के तहत, कॉरिडोर के लिए अब तक कुल 197 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनमें 172 औद्योगिक एमओयू हैं।

    • प्रस्तावित निवेश: इन हस्ताक्षरित एमओयू के जरिए ₹34,844.49 करोड़ का प्रस्तावित निवेश आ रहा है।
    • सृजित नौकरियां: इससे प्रदेश में 52,658 नौकरियां सृजित होने का अनुमान है।
    • पाइपलाइन में निवेश: अगले चरण में 110 से अधिक कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया पाइपलाइन में है, जिससे 22,847 करोड़ से ज्यादा का निवेश और 38,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है।

    3. राष्ट्रीय और रणनीतिक अहमियत

    UPDIC न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए रक्षा विनिर्माण का ग्लोबल हब बनने की ओर अग्रसर है। ब्रह्मोस मिसाइल जैसी देश की प्रमुख प्रोजेक्ट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का लखनऊ नोड में स्थापित होना, इस कॉरिडोर की रणनीतिक अहमियत को रेखांकित करता है।

    UPEIDA के एसीईओ एचपी शाही के अनुसार, यह कॉरिडोर अब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में गुजरात और तमिलनाडु जैसे स्थापित राज्यों को कड़ी टक्कर दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “एक जिला-एक उत्पाद” (ODOP) और “मेक इन इंडिया” के साथ जोड़कर प्रदेश को 'ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी' के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ाने का विजन दिया है।