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    UP: लखनऊ पुलिस में विदेशी मुद्रा देकर लोगों से टप्पेबाजी करने वाले बंग्लादेशी समेत दो को दबोचा

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 03:15 PM (IST)

    Lucknow Crime News: आरोपित बांग्लादेश के गोपालगंज गोहाला के हसन शेख और पश्चिम बंगाल के गोरिया सोनारपुर निवासी उमर शेख हैं। दोनों दुबग्गा में फल का ठेला लगाने और कूड़ा बीनने का काम करते थे। निशातगंज पांचवीं गली निवासी गुल्लू सोनकर ने दो लाख रुपये की टप्पेबाजी का मुकदमा दर्ज कराया था।

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    बांग्लादेश के हसन शेख और पश्चिम बंगाल के उमर शेख 

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: वजीरगंज पुलिस ने शनिवार को विदेशी मुद्रा देकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले

    और पश्चिम बंगाल के दो टप्पेबाजों को गिरफ्तार किया। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि टप्पेबाजों के पास से सऊदी अरब देश के 29 नोट, छह मोबाइल फोन, 8100 रुपये और अन्य सामान बरामद किया गया है। इस गिरोह के अन्य टप्पेबाजों की तलाश की जा रही है।

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    इंस्पेक्टर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित बांग्लादेश के गोपालगंज गोहाला के हसन शेख और पश्चिम बंगाल के गोरिया सोनारपुर निवासी उमर शेख हैं। दोनों दुबग्गा में फल का ठेला लगाने और कूड़ा बीनने का काम करते थे। निशातगंज पांचवीं गली निवासी गुल्लू सोनकर ने दो लाख रुपये की टप्पेबाजी का मुकदमा दर्ज कराया था।

    आरोपितों ने पीड़ित को सऊदी अरब के दो नोट दिखाकर विदेशी मुद्रा को भारतीय रुपये में बदलने का लालच दिया। इसके बाद पीड़ित को डालीगंज पुल के पास बुलाया गया। पीड़ित ने दो लाख रुपये दिए तो आरोपितों ने उसे कपड़े में लिपटी नोट के आकार की अखबार की गड्डी पकड़ा दी, जिसमें केवल छह नोट असली थे। सीसी फुटेज की मदद से पुलिस ने आरोपितों की पहचान की।

    इंस्पेक्टर के अनुसार दोनों लखनऊ, दिल्ली, मुंबई व अन्य शहरों में टप्पेबाजी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। बरामद विदेशी मुद्रा की कीमत 29 हजार रुपये से अधिक है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपित यह विदेशी मुद्रा कहां से लाते थे। इंस्पेक्टर के मुताबिक हसन करीब आठ वर्ष पहले पश्चिम बंगाल बार्डर पार कर भारत आया था। इसके बाद में वह दिल्ली में किराए पर रहने लगा। फर्जीवाड़ा कर दोनों ने दिल्ली पते पर आधार कार्ड बनवाया और वहां कई टप्पेबाजी की घटनाएं कीं। इसके बाद दोनों मुंबई चले गए, जहां 2024 में जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार होकर जेल भेजे गए थे। रिहा होने के बाद वे लखनऊ आ गए और यहां कूड़ा बीनने तथा बाद में फल–सब्जी का ठेला लगाने लगे।

    कूड़े के ढेर में विदेशी मुद्रा मिलने का देते थे झांसा
    इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपित से पूछताछ की तो बताया कि वह लोगों से कहते थे कि उन्हें कूड़े के ढेर से विदेशी मुद्रा मिली है। जाल में फंसने के बाद दो नोट के बदले हजारों रुपये लेते थे। नोट बदलने के लालच में पीड़ित उनके संपर्क में आ जाते थे।