यूपी में कफ सीरप मामले में ईडी को मिला 265 और फर्मों का कच्चा चिट्ठा, करोड़ों के अवैध कारोबार की आशंका
उत्तर प्रदेश में कफ सीरप मामले की जांच कर रही ईडी को 265 और फर्मों का कच्चा चिट्ठा मिला है, जिससे करोड़ों के अवैध कारोबार की आशंका जताई जा रही है। इन ...और पढ़ें
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कफ सीरप मामले में ईडी को मिला 265 और फर्मों का कच्चा चिट्ठा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध सप्लाई के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी में कुल 454 बोगस फर्मों का कच्चा-चिट्ठा मिला है, जिनके जरिए करोड़ों रुपये का अवैध कारोबार किए जाने की आशंका है। ईडी ने शुक्रवार को मामले में तीन राज्यों के छह शहरों में स्थित 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जो शनिवार दोपहर तक चली।
पहले दिन मुख्य आरोपित वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल के ठिकानों से 189 बोगस फर्मों की जानकारी मिली थी। सूत्रों के अनुसार इसके बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) विष्णु अग्रवाल के परिसर से 140 फर्मों तथा सहारनपुर में आरोपित विभाेर राणा के ठिकानों से 125 बोगस फर्मों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
छापेमारी के दौरान वाराणसी, सहारनपुर व अहमदाबाद की फर्मों के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सप्लाई के तथ्य सामने आए हैं। ईडी बरामद दस्तावेजों के आधार पर आगे की छानबीन कर रहा है।
आरोपितों के आवासों में विलासिता की वस्तुओं व संपत्तियों का मूल्यांकन जारी है। यह भी सामने आया है कि शुभम जायसवाल ने अपने घर की आंतरिक साज-सज्जा दो करोड़ रुपये से अधिक रकम नकद खर्च की थी।
ईडी को शुभम जायसवाल के रांची स्थित कार्यालय/गोदाम से 189 फर्मों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं, जो प्रथम दृष्टया बोगस फर्में लग रही हैं। इन फर्मों का इस्तेमाल लेनदेन को वास्तविक व्यापार के रूप में दिखाने व ड्रग्स की हेराफेरी के लिए किया जा रहा था।
इन फर्मों के जरिए हुए लेनदेन को लेकर पड़ताल शुरू की गई है। चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल के परिसर से 140 फर्मों के दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें लेकर विस्तार से छानबीन शुरू की गई है। सहारनपुर में विभोर राणा व उसके सहयोगियों के आवास तथा कार्यालय से काले धन को खपाने के लिए प्रयाेग की गईं 125 फर्मों की जानकारी मिली है।
अहमदाबाद में आर्पिक फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड व उसकी सहयोगी कंपनी इधिका लाइफ साइंसेज के परिसरों में भी छानबीन की गई। फर्जी फर्माें के माध्यम से भी गड़बड़ किए जाने के तथ्य सामने आए हैं।
इन फर्मों के निदेशकों के दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं। ईडी ने इसके अलावा जौनपुर में आरोपित अमित सिंह टाटा के ठिकानों व रांची (झारखंड) में शुभम जायसवाल के गोदाम में भी छापेमारी की थी।
बर्खास्त सिपाही के घर वाले नहीं दे सके आय के श्रोत की जानकारी
ईडी ने पूर्वांचल के एक पूर्व सांसद के करीबी बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के आवास पर संपत्ति का मूल्यांकन करने वाली टीम को भी बुलाया था। सूत्रों का कहना है कि मूल्यांकन करने आए तीन अधिकारी एक-एक कर डर की वजह से वापस लौट गए। बाद में चौथे को बुलाना पड़ा।
ईडी ने बर्खास्त सिपाही के घरवालों से आलीशान कोठी में लगी रकम को लेकर पूछताछ की, जिस पर वे आय के श्रोत की जानकारी नहीं दे सके। ईडी इसे लेकर अब बर्खास्त सिपाही से जेल में पूछताछ करेगा।

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