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    'मुझे चाहे जितनी गाली दें, लेकि‍न एमपी में भाजपा की मदद न करें अखिलेश', सपा प्रमुख की तीखी टिप्पणी के बाद बोले अजय राय

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Thu, 19 Oct 2023 09:45 PM (IST)

    अजय राय ने कहा कि अखिलेश यादव अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। लेक‍िन मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता। बस इतना कहूंगा कि अखिलेश मुझे जितना चाहे गाली दें लें पर कांग्रेस की मदद करें। बागेश्वर (उत्तराखंड) में विधानसभा उपचुनाव की तरह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की मदद न करें। अपनी पार्टी का आधार देखें और कांग्रेस का सहयोग करें।

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    लखनऊ: कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा व कांग्रेस नेताओं के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर तीखी टिप्पणी की, जिस पर अजय राय ने भी पलटवार किया है। कहा कि अखिलेश यादव अपमानजनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। लेक‍िन मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता। बस इतना कहूंगा कि अखिलेश मुझे जितना चाहे गाली दें लें पर कांग्रेस की मदद करें। बागेश्वर (उत्तराखंड) में विधानसभा उपचुनाव की तरह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की मदद न करें। अपनी पार्टी का आधार देखें और कांग्रेस का सहयोग करें। राय ने कहा कि मैं आम लोगों का कार्यकर्ता हूं।

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    बता दें, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व समाजवादी पार्टी की राह अलग हो सकती है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक भी सीट न छोड़ने से नाराज अखिलेश ने गुरुवार को इस बात के संकेत दिए हैं। छह सीटें छोड़े जाने का आश्वासन देकर ऐन वक्त पर एक भी सीट न दिए जाने पर अखिलेश ने कहा क‍ि कांग्रेस को आईएनडीआईए से पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था कि गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर है प्रदेश स्तर पर नहीं।

    अखिलेश ने कहा था क‍ि समय आने पर जब दिल्ली गठबंधन (लोकसभा चुनाव) की बात होगी तब उनके साथ भी वही व्यवहार होगा जो मध्य प्रदेश में समाजवादियों के साथ हुआ। अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस की ओर से स्थिति स्पष्ट न किए जाने के कारण असमंजस ही था कि मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री ने सपा नेताओं से रात एक बजे तक बात की। कहते रहे कि छह सीटों पर विचार करेंगे, लेकिन जब सूची जारी कि गई तो उन परिस्थितियों में पार्टी के आगे कोई रास्ता ही नहीं था। इसलिए मजबूरी में हमने भी मजबूत प्रत्याशी उतारे। जो कार्यकर्ता पहले से तैयारी कर रहे थे उनको टिकट दिए। यह बात पहले बतानी चाहिए थी कि प्रदेश स्तर पर कोई गठबंधन नहीं होगा।