यूपी में कोडीन सीरप बिक्री मामले में तीन गिरफ्तार, एक पर एनडीपीएस एक्ट में एफआईआर
उत्तर प्रदेश में कोडीन सीरप की अवैध बिक्री के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि अवैध कारोबार के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके और अन्य आरोपियों को भी पकड़ा जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोडीनयुक्त सीरप की अवैध बिक्री के मामले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने तीन फर्मों के संचालकों पर एफआइआर कराई गई है। एक अन्य पर एफएसडीए एक्ट में एफआइआर हुई है। इसके अलावा प्रदेश भर से लिए कफ सीरप के 913 नमूनों में से 63 की रिपोर्ट संतोषजनक मिली है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) आयुक्त डा़ रोशन जैकब ने बताया कि किसी भी नमूने में हानिकारक मिलावट नहीं पाई गई है। बचे हुए नमूनों की जारी है। सभी औषधि निरीक्षकों कोडीनयुक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स दवाओं की खरीद, बिक्री व भंडारण की जांच जारी रखने के लिए कहा गया है। किसी भी स्तर पर अनियमितता मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जैकब ने बताया कि कोडीन आधारित दवाओं के दुरुपयोग, अवैध वितरण की शुरुआती जांच और छापेमारी से पता चला है कि इनकी आपूर्ति केवल स्थानीय बाजारों तक सीमित नहीं है। कफ सीरप पंजाब, दिल्ली के साथ साथ असम के रास्ते बांग्लादेश तक पहुंचने की भी संभावना है।
ये नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि दवा निर्माण से लेकर फुटकर बिक्री स्तर तक जांच की जा रही है। नारकोटिक्स ब्यूरो से जारी किए जाने वाले उत्पादन कोटा और लाइसेंस के साथ-साथ सभी निर्माण इकाइयों, स्टाकिस्ट, डिस्ट्रीब्यूटर, थोक और फुटकर विक्रेता से संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है।
इस तरह के मामलों में सिर्फ ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। एनडीपीएस अधिनियम सहित अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संयुक्त अभियान चलाना जरूरी है।
एफएसडीए आयुक्त ने बताया कि लखनऊ में दीपक मानवानी के घर पर छापेमारी में तीन लाख रुपये की अवैध दवाएं जब्त की गई हैं। उसके गिरफ्तार करके एनडीपीएस एक्ट मामला दर्ज किया गया है। आर्पाइक फार्मास्युटिक्लस और लधिका
लाइफसाइंसेज के गोदामों में छापा मारकर कोडीनयुक्त दवाआं के वितरण से जुड़े कागजों की जांच शुरू की गई है। बहराइच में रायल फार्मा और ममता मेडिकल एजेंसी के संचालकों को गिरफ्तार किया गया हैं। सीतापुर में नैमिष मेडिकल स्टोर के संचालक शिवम कुमार के खिलाफ एफआइआर कराई गई है।
रायबरेली के अजय फार्मा और लखनऊ–सुल्तानपुर के श्रीश्याम फार्मा व विनोद फार्मा के खिलाफ भी कोडीनयुक्त दवाओं की बिलिंग और बिक्री में अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, बलरामपुर और गाजियाबाद सहित कई जिलों के मेडिकल स्टोर पर कोडीनयुक्त कफ सीरप और नारकोटिक दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई गई है।
लखनऊ के श्रीश्याम फार्मा, कानपुर के अग्रवाल ब्रदर्स, मां दुर्गा मेडिकोज, आरएस हेल्थकेयर सहित कई फर्मों पर खरीद-फरोख्त न करने का अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि नेपाल सीमा से सटे जिलों बहराइच, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, सहारनपुर में भी नारकोटिक्स दवाओं की अवैध आवाजाही को रोकने के लिए संदिग्ध मेडिकल स्टोर्स की जांच की जा रही है।
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