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    Lucknow News: कोआपरेटिव बैंक फ्राड में चार आरोपितों की पहचान, 25-25 हजार का इनाम घोषित

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 22 Oct 2022 09:31 PM (IST)

    Lucknow News लखनऊ में हजरतगंज स्थित उत्‍तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के खाते से 146 करोड़ रुपये उड़ाए जाने का मामला। पूर्व बैंक प्रबंधक के गिरोह में शामिल ...और पढ़ें

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    UP Co operative Bank Fraud: चारों की गिरफ्तारी के लिए 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के खाते से 146 करोड़ उड़ाए जाने के मामले में आरोपित बैंक प्रबंधक आरएस दुबे और बिल्डर गंगा सागर चौहान की मदद करने वाले चार अन्य आरोपित भी चिन्हित कर लिए गए हैं। चारों की गिरफ्तारी के लिए 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। बिल्डर के साथ ही इन चारों के खातों में भी बैंक से उड़ाए गए रुपये ट्रांसफर किए गए थे।

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    ग‍िरफ्तारी के ल‍िए चार टीमें गठ‍ित   

    एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह के मुताबिक चिन्हित किए गए चार आरोपितों में सीतापुर के फतेहनगर, धनसिंह नगर का रहने वाला उमेश कुमार गिरी, शाहजहांपुर जनपद के 25 तरीन गादीपुर नई बस्ती का ग्यान देव, बाराबंकी नवाबगंज भातपुरा आदमपुर बारावपुर का रहने वाला रवि सिंह और काकोरी के कर्झन का सतीश कुमार है। चारों जिलों में गिरफ्तारी के लिए चार टीमें बनी हैं।

    कुछ बैंक कर्मचार‍ियों ने की जालसाजों की मदद 

    टीमें आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। उक्त चारों लोग पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे के गैंग में शामिल थे। इन चारों ने साइबर फ्राड में भी मदद की थी। इसके अलावा इनके बैंक खातों में भी रुपये ट्रांसफर किए थे। जिन्हें फ्रीज करके रकम बैंक के खातों में वापस करा ली गई है। इसके अलावा कुछ बैंक कर्मचारियों ने भी जालसाजों की मदद की है। उनके बारे में भी ब्योरा और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

    बैंक में लगे सीसी कैमरे से हुई चारों की पहचान 

    चारों आरोपित उमेश कुमार, ग्यान देव, रवि सिंह और सतीश की पहचान बैंक में लगे सीसी कैमरे से हुई है। इन चारों का बीते कई माह से बैंक में आना जाना था। यह वहीं पर घंटों बैठे रहते थे। बैंक में बैठकर लैपटाप पर काम करते थे। इन चारों ने बैंक कर्मचारियों की मदद से मदद से डेटा हासिल किया था। इसके बाद बाहर से बैठकर सिस्टम भी आपरेट किया था। बैंक में जो लैपटाप, डोंगल, की लागर आदि मिला है। इनके द्वारा उसका प्रयोग किया जाता था। चारों को साइबर के बारे में अच्छी जानकारी भी है। बैंक से रुपये ट्रांसफर किए जाने के समय यह सिस्टम आपरेट कर रहे थे।