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    UP Outsourcing: यूपी में आउटसोर्स कर्मचार‍ियों को सीएम योगी का बड़ा तोहफा! इस प्रस्‍ताव को दी हरी झंडी

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Fri, 04 Jul 2025 07:55 AM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (यूपीकास) के गठन को मंजूरी दी है। अब आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने की 5 तारीख तक वेतन मिलेगा। भर्तियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा और परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। निगम के गठन के बाद न्यूनतम मानदेय 16 से 18 हजार रुपये हो सकता है। सीएम योगी ने कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (यूपीकास) के गठन को मंजूरी दे दी। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार का यह कदम ऐतिहासिक है। अब हर महीने की पांच तारीख तक इन कार्मिकों को वेतन (मानदेय) मिला करेगा। भर्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, महिला, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग व पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ अनिवार्य रूप से मिलेगा। परित्यक्ता, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

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    प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाएगा। मंत्रिपरिषद की अगली बैठक में निगम के गठन संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निदेशक मंडल होगा। एक महानिदेशक की भी नियुक्ति की जाएगी। निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कार्मिकों का न्यूनतम मानदेय 16 से 18 हजार रुपये महीने हो सकता है। पूर्व में निगम के गठन से संबंधित बैठकों में न्यूनतम मानदेय पर भी चर्चा हुई लेकिन अब निगम के गठन के बाद मानदेय राशि पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

    सीएम योगी ने अधि‍कार‍ियों को द‍िये न‍िर्देश

    आउटसोर्सिंग से भर्ती कर्मचारियों के सामाजिक व आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया है। मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन होगा। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। इस समय कार्यरत कार्मिकों की सेवाएं बाधित नहीं होगी और सीएम के निर्देशानुसार उन्हें नए चयन में वरीयता दी जाएगी। ईपीएफ, ईएसआइ तथा बैंकों से प्राप्त होने वाले समस्त लाभ के साथ ही इन कर्मचारियों के बैंक खाते में प्रत्येक माह की पांच तारीख तक उनकी पारिश्रमिक उपलब्ध होगी।

    निगम को रेगुलेटर (नियामक) की भूमिका में रखा जाएगा जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, अर्थदंड लगाने के साथ ही वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए। चयन के बाद कोई भी कार्मिक तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति इसके लिए न हो।

    मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) एसपी गोयल, सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव अमित घोष के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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