UP Carpet Industry: मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ कालीन उद्योग को दे सकते हैं बड़ी राहत
भदोही के कालीन उद्योग को अमेरिकी टैरिफ से राहत मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कालीन निर्यात पर सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा कर सकते हैं, जिसके लिए औद्योगिक विकास विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा निर्यात हुआ, जिसमें भदोही का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अमेरिकी खरीददारों ने भी टैरिफ में मदद का आश्वासन दिया है।

कालीन निर्यात पर सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा की उम्मीद
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः भारतीय उत्पादों पर अमेरिका के टैरिफ को लेकर भदोही के कालीन उद्योग को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भदोही के प्रस्तावित दौरे पर कालीन निर्यात पर सब्सिडी बढ़ाने की घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री कार्यालय ने औद्योगिक विकास विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार कालीन निर्यात पर 10 से 15 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रविधान किया जा रहा है। यह सब्सिडी किस रूप में होगी अभी तक ताे इसका निर्णय नहीं लिया गया है।
वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 1,86,059 करोड़ रुपये की वस्तुओं का निर्यात किया गया था। राज्य से गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, मुरादाबाद, आगरा, भदोही व फिरोजाबाद से सबसे ज्यादा निर्यात किया जा रहा है। भदोही कालीन निर्माण का गढ़ है। इसलिए यहां से सबसे ज्यादा कालीन का निर्यात किया जाता है।
पिछले वित्तीय वर्ष में भदोही से 5098 करोड़ रुपये की कालीन का निर्यात अमेरिका, यूके, यूएई, जर्मनी, नेपाल, आस्ट्रिया, फ्रांस, नीदरलैंड, स्पेन, इटली व ब्राजील में किया गया था। राज्य में सबसे ज्यादा निर्यात करने वाले जिलों में भदोही का सातवां स्थान है। यहां की हैंड टफ्डेट कालीन की मांग कई देशों में है।
अमेरिकी खरीददारों ने टैरिफ की परवाह किए बिना भदोही के कालीन उद्यमियों की मदद के लिए कदम बढ़ाया है। अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ को लेकर अमेरिकी खरीददारों ने 12.5 प्रतिशत नुकसान की भरपाई करने का भरोसा कालीन निर्यातकों को दिया है।
इसके बाद औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से राज्य सरकार को यह सुझाव दिया गया है कि अगर 12.5 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार दे दे तो कालीन उद्योग को टैरिफ वार के बीच में बूस्टर डोज मिल जाएगी और राज्य के कालीन उद्योग को नई रफ्तार मिल जाएगी।
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