यूपी कैबिनेट ने निजी अस्पतालों के लिए प्रस्तावित सहायता नीति पर लगाई रोक, जोड़े जाएंगे नये नियम
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने निजी अस्पतालों के लिए प्रस्तावित सहायता नीति पर रोक लगा दी है। नीति में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नए नियम ज ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ‘राज्य में अस्पतालों के विकास में निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारी सहायता नीति’ को और विस्तृत व व्यावहारिक बनाया जाएगा। इस प्रस्तावित नीति को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में रखा गया था जिसे यह कहते हुए वापस किया गया कि इसको और बेहतर बनाकर प्रस्तुत किया जाए।
प्रस्तावित नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी जिलों में निजी क्षेत्र की सहभागिता से उच्च कोटि की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य व्यवस्था विकसित करना है। इससे सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि, प्रदेश में संचालित अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाना तथा अस्पतालों की आधारभूत संरचना में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
प्रस्तावित नीति में मोड ए के तहत झांसी नगर निगम को छोड़कर शेष 16 नगर निगमों की सीमा में तथा गौतमबुद्ध नगर जिले कम से कम 200 बेड वाले अस्पताल स्थापित जाने हैं। मोड बी के तहत 58 जिला मुख्यालय क्षेत्रों में (मोड ए को छोड़कर) कम से कम 200 बेड वाले अस्पताल स्थापित किए जाएंगे।
मोड सी के तहत गौतमबुद्ध नगर जिले को छोड़कर प्रदेश के अन्य 74 जिला मुख्यालय के बाहर के क्षेत्र कम से कम 100 बेड वाले अस्पताल स्थापित किए जांएंगे।
मोड ए के तहत निजी क्षेत्र की इकाई को स्टांप ड्यूटी में छूट और मोड बी व सी में निजी क्षेत्र की इकाई को स्टांप ड्यूुटी में छूट के साथ भूमि की लागत पर भी सब्सिडी दिए जाने का प्रस्ताव है।
निजी क्षेत्र की संस्थाओं को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान तथा राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे स्वास्थ्य बीमा योजना से इम्पैनल्ड (आबद्ध) होना आवश्यक होगा।

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