UP Cabinet Decision: गोरखपुर मेट्रो रेल के DPR को योगी कैबिनेट से हरी झंडी, 4672 करोड़ का आएगा खर्च
UP Cabinet Decision उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये गोरखपुर मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 4672 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद डीपीआर केंद्र सरकार के पास भेजी जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। नए कलेवर में आ रहे गोरखपुर में मेट्रो रेल भी दौड़ेगी। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये गोरखपुर मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 4672 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद डीपीआर केंद्र सरकार के पास भेजी जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही गोरखपुर में मेट्रो संबंधी निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। परियोजना को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गोरखपुर मेट्रो रेल को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) के रूप में मंजूरी दी गई है। परियोजना पूरी होने के बाद यहां तीन बोगी वाली मेट्रो का संचालन होगा। इस परियोजना में दो कारिडोर बनाए जाएंगे। पहला कारिडोर श्यामनगर (बरगदवा के पास) से शुरू होकर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक बनेगा। 15.14 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 14 स्टेशन होंगे।
दूसरा कारिडोर मेडिकल कालेज के पास गुलरिहा से नौसढ़ तक बनेगा। 12.70 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर 13 स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। दोनों कारिडोर का जंक्शन धर्मशाला बाजार पर बनेगा। परियोजना पर होने वाले कुल व्यय का 20 फीसद केंद्र सरकार वहन करेगी। परियोजना में सहयोग के लिए केंद्र सरकार ने गोरखपुर के स्थानीय निकायों को 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने के लिए पहले ही कह दिया है।
मुख्यमंत्री के प्रयास से मिली मंजूरी : गोरखपुर में मेट्रो की परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच का नतीजा है। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यहां मेट्रो चलाने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद काम शुरू हुआ और रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस (राइट्स) को परियोजना की डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई। राइट्स के डीपीआर तैयार करने के बाद मुख्यमंत्री ने दूसरे कारिडोर को कचहरी चौराहे की जगह नौसढ़ तक विस्तार देने का निर्देश दिया। इसके बाद दूसरे कारिडोर पर दो और स्टेशन जोड़े गए। मेट्रो के सर्विस सब स्टेशन के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के गौतम बुद्ध छात्रावास के पीछे पांच हजार वर्ग मीटर जमीन दी जा रही है।