UP Cabinet Decision: मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना से नए नगरीय निकायों में होगा विकास, कैबिनेट ने मार्गदर्शी सिद्धांत को दी मंजूरी
Mukhymantri Nagar Srijan Yojana 2022 मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के जरिए नगरीय निकायों में सीवरेज पेयजल पार्किंग सड़क पार्क सामुदायिक भवन परिषदीय विद्य ...और पढ़ें

Mukhymantri Nagar Srijan Yojana 2022: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने नवसृजित, उच्चीकृत व विस्तारित नगरीय निकायों में मूलभूत नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना शुरू की है। मंगलवार को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Adityanath Cabinet) ने इस योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों को हरी झंडी दे दी।
मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के जरिए नगरीय निकायों में सीवरेज, पेयजल, पार्किंग, सड़क, पार्क, नाला/नाली, सामुदायिक भवन (कल्याण मंडप), परिषदीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्ट्रीट लाइट, बाजार में जन सुविधाएं, चौराहों का सौंदर्यीकरण व बिजली क्षेत्र की आधारभूत संरचनाएं आदि विकसित की जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्तमान वित्तीय वर्ष तक नवसृजित, उच्चीकृत व सीमा विस्तारित कुल 191 नगरीय निकायों तथा भविष्य में सृजित होने वाले या फिर उच्चीकृत व सीमा विस्तारित नगरीय निकायों में जनसंख्या तथा क्षेत्रफल के आधार पर निर्धारित फार्मूले के अनुसार धनराशि आवंटित की जाएगी। फार्मूले के तहत नवसृजित व विस्तारित क्षेत्र की जनसंख्या वर्ष 2011 को प्रदत्त भार 90 प्रतिशत तथा नवसृजित एवं विस्तारित क्षेत्र का क्षेत्रफल को प्रदत्त भार 10 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
नगरीय निकायों की परियोजनाओं एवं कार्यों के लिए यदि योजना के तहत किसी नगरीय निकाय को फार्मूले के अनुसार आवंटित धनराशि से अधिक की आवश्यकता है, तो ऐसी स्थिति में धनराशि के मानक में नगरीय निकाय की आवश्यकता के दृष्टिगत जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर नगर विकास मंत्री निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के लागू होने में कोई कठिनाई होने की दशा में मार्गदर्शी सिद्धांतों में किसी परिवर्तन के लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था : मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसमें से नवसृजित नगर पंचायत के लिए 366.30 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर पंचायत के लिए 53.35 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर पालिका परिषद के लिए 58.85 करोड़ रुपये, सीमा विस्तारित नगर निगम के लिए 71.50 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। नगरीय निकायों को परियोजना के लिए स्वीकृत की जाने वाली धनराशि के बराबर धनराशि उन्हें राज्य वित्त आयोग तथा केंद्रीय वित्त आयोग एवं अन्य योजनाओं से उपलब्ध करानी होगी। योजना के तहत भवनों के निर्माण में परंपरागत तकनीक के अलावा पर्यावरण अनुकूल नई तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।

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