UP Cabinet Decision: उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के गठन को कैबिनेट की मंजूरी, मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष
Yogi Adityanath Cabinet Meeting योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को पास कर दिया। मुख्यमंत्री इस बोर्ड के अध्यक् ...और पढ़ें

UP Cabinet Decision: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन सुविधाओं के विकास एवं प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड (UP Eco Tourism Development Board ) के गठन को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री इस बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। इसमें 10 विभागों को शामिल किया गया है। बोर्ड की संरचना में ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड तथा ईको-टूरिज्म कार्यकारी समिति रहेगी। ईको टूरिज्म बोर्ड का मुख्यालय लखनऊ में होगा।
मंगलवार को योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को पास कर दिया। ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के सदस्य दो प्रकार के होंगे। इसमें शासकीय (पदेन) सदस्य एवं विशेष आमंत्री सदस्य रहेंगे। कृषि मंत्री, वन मंत्री, आयुष मंत्री, वित्त मंत्री, पर्यटन मंत्री, सिंचाई मंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री आदि इसके सदस्य होंगे।
मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश वन निगम के एमडी बोर्ड के सदस्य रहेंगे। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव पर्यटन बोर्ड के सदस्य सचिव होंगे। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन इसके समन्वयक की भूमिका में होंगे।
आइआरसीटीसी के प्रतिनिधि, सशस्त्र सीमा बल उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि, वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड इंडिया के प्रतिनिधि, बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के प्रतिनिधि, कछुआ कंजर्वेशन फंड के प्रतिनिधि, कतर्नियाघाट फाउंडेशन के प्रतिनिधि, पांच नामित पर्यावरण एवं पर्यटन विशेषज्ञ, विशेष आमंत्री होंगे। इसके अलावा विशेष आमंत्री के रूप में पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली दो अन्य ख्याति प्राप्त संस्थाओं का चयन प्रत्येक दो वर्ष के लिए किया जाएगा।
ईको-टूरिज्म कार्यकारी समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव तथा सदस्य सचिव (पदेन) अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, पर्यटन (वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों एवं वन क्षेत्रों के लिए) तथा सदस्य सचिव महानिदेशक पर्यटन (वन क्षेत्र से बाहर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए) होंगे। ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपेक्षित कार्यवाही कार्यकारी समिति करेगी।
ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए ट्रेकिंग, हाइकिंग, साइक्लिंग, कैरावन टूरिज्म, सी-प्लेन, रिवर क्रूज, एडवेंचर टूरिज्म, होटल/रिजॉर्ट एवं अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके अलावा बैलूनिंग, जंगल कैंपिंग तथा वेलनेस टूरिज्म-आयुर्वेद/योग/प्राकृतिक चिकित्सा जैसी गतिविधियों से संबंधित विभिन्न कार्य होंगे।
यह बोर्ड प्रदेश में लगभग 16,582 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र के साथ अन्य स्थानों पर ईको टूरिज्म का विकास करेगा। प्रदेश में एक राष्ट्रीय उद्यान, 26 वन्यजीव अभ्यारण्य हैं, जिनमें से 12 पक्षी विहार हैं। इसके अलावा राज्य नौ ईको-टूरिज्म सर्किट पश्चिमी वन्यजीव सर्किट, बृजभूमि वन्यजीव/वेटलैंड सर्किट, पूर्वी वन्यजीव सर्किट, टाइगर सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, विंध्य वन सर्किट, गंगा बेसिन/अर्थ गंगा, पश्चिमी पक्षी विज्ञान/आर्द्रभूमि सर्किट तथा सेंट्रल वेटलैंड सर्किट हैं।
परिस्थितिकी स्थलों का संरक्षण, संवर्द्धन एवं विकास करने के लिए स्थानीय निवासियों को गाइड्स की भूमिका में इस परियोजना से जोड़ा जाना है। प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा एवं पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। ईको-टूरिज्म जोन में सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे।
इसके साथ ही अवस्थापना एवं आवासीय क्षमता का निर्माण तथा ईको-टूरिज्म के लिए गाइडों का प्रशिक्षण, आतिथ्य, खान-पान और ट्रेकिंग किये जाने की व्यवस्था का विस्तार किया जाएगा।

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