UP Cabinet Approval : भवन उपविधि का तत्काल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें विकास प्राधिकरण-परिषद
Yogi Adityanath Government Directs Departments आवास एवं शहरी नियोजन के प्रमुख सचिव पी गुरू प्रसाद की अध्यक्षता में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित बैठक में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा आर्दश जोनिंग रेगुलेशन्स पर लगभग छह घंटे तक चर्चा की गई। किसी तरह की कोई दिक्कत या दुविधा होने पर शासन को अवगत कराया जाए।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को नए सिरे से तैयार की गई भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 का तत्काल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्राधिकरण-परिषद के नगर नियोजकों व इंजीनियरों को उपविधियों की बारीकियां बताने हुए हिदायत दी गई है कि वे शासन की मंशा के अनुरूप पूरी पारदर्शितां के साथ भवन स्वामियों को राहत दें। उपविधि को यथावत सभी प्राधिकरण लागू करें। किसी तरह की कोई दिक्कत या दुविधा होने पर शासन को अवगत कराया जाए।
आवास एवं शहरी नियोजन के प्रमुख सचिव पी गुरू प्रसाद की अध्यक्षता में गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित बैठक में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि तथा आर्दश जोनिंग रेगुलेशन्स पर लगभग छह घंटे तक चर्चा की गई।
बैठक में आवास आयुक्त, प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, सचिव के अलावा भवन मानचित्र स्वीकृति करने वाले नगर नियोजक, इंजीनियर संवर्ग के अधिकारी व दो अवर अभियंताओं के साथ ही मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक व आवास बंधु के अधिकारी शामिल हुए।
नौ राज्यों की उपविधियों का अध्ययन करने वाली डिलाइट संस्था द्वारा नई उपविधि के संबंध में एक-एक कर 16 अध्यायों का प्राधिकरण-परिषद के 250 से अधिक लोगों के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रमुख सचिव के अलावा मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनिल कुमार व आवास बंधु के निदेशक रवि जैन ने उपविधि में किए गए नए प्राविधानों के बारे में विस्तार से बताया।
चूंकि नए सिरे से बनाई गई उपविधि में तमाम तरह की सहूलियतें देने की चर्चा काफी समय से हो रही थी इसलिए बड़ी संख्या में भवन स्वामी मानचित्र स्वीकृति कराने के लिए उपविधि का इंतजार कर रहे थे। प्रमुख सचिव ने कहा कि सभी प्राधिकरण व परिषद उपविधि में किसी तरह का बदलाव किए बिना उस पर तत्काल क्रियान्वयन शुरू करें।
कहा गया कि अगर कोई पुरानी उपविधि के अनुसार बने भवन मानचित्र को जमा कर चुका है और उसे नई उपविधि से अपना फायदा दिख रहा है तो वह नए सिरे से मानचित्र जमा कर सकता है। हिदायत दी गई भवन स्वामियों का किसी तरह का शोषण न हो। उपविधि के प्राविधानों को समझने, किसी तरह की चूक या विरोधाभास होने पर शासन के संज्ञान में लाया जाए। उल्लेखनीय है कि ऐसे में स्पष्टीकरण देने के लिए प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में समस्या निवारण समिति गठित की गई है।
बैठक में कहा गया कि प्राधिकरण-परिषद अपने स्तर से शहर के वास्तुविदों की बैठक बुलाकर उन्हें भी उपविधि के बारे में विस्तार से बताएं। गौर तलब है कि 17 वर्ष पुरानी भवन निर्माण उपविधि-2008, शमन उपविधि-2009 और उससे संबंधी 20 शासनादेश के तहत ही अब तक भवन मानचित्र को पास किया जा रहा था। अब इन्हें निरस्त कर नए सिरे से 325 पेज की उपविधि को लागू किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।