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    UP By Election 2024: …तो सामने आ गई कांग्रेस के पीछे हटने की वजह, ‘साइकिल को हाथ का साथ’ कहानी में ट्विस्ट है!

    Updated: Thu, 24 Oct 2024 08:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। दरअसल सपा ने सभी सीटें अपने पास रख लीं जिससे कांग्रेस को झटका लगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और हरियाणा व जम्मू-कश्मीर में लचर प्रदर्शन के कारण भी कांग्रेस दबाव में है। कांग्रेस अब सपा प्रत्याशियों का समर्थन करेगी और वार रूम के माध्यम से अपनी सक्रियता बनाए रखेगी।

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    पंजे वाले दल के नेता व कार्यकर्ता अब साइकिल की रफ्तार बढ़ाएंगे। जागरण ग्राफिक्स

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी तैयारी तो जोरशोर से शुरू की थी पर मनमुताबिक सीट न मिलने से उसे झटका लगा है। उपचुनाव में एक भी सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी नजर नहीं आएगा। सीटों के बंटवारे में सपा पर दबाव बनाने में विफल रहे पंजे वाले दल के नेता व कार्यकर्ता अब साइकिल की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्रचार करते नजर आएंगे। 

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    पर्दे के पीछे कहानी कुछ और…

    पार्टी के नेता भले ही इसे राजनीतिक दांव बताते हुए कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य भाजपा की हार बता रहे हैं पर पर्दे के पीछे कहानी कुछ और भी है। उपचुनाव में कांग्रेस की दावेदारी सिमटने के पीछे एक बड़ा कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी माना जा रहा है। 

    कांग्रेस ने महाराष्ट्र में 12 सीट मांग रही सपा को चार सीटें देकर मना लिया तो उत्तर प्रदेश में सपा ने अपनी हनक बनाए रखते हुए सभी सीटें हासिल कर लीं। यह भी माना जा राह है कि हरियाणा व जम्मू-कश्मीर में लचर प्रदर्शन के चलते भी कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के सामने दबाव में है।

    बंटवारे को लेकर खींचतान नहीं बनी बात

    प्रदेश कांग्रेस ने फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां व मीरापुर सीट पर उपचुनाव लड़ने का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को भेजा था। इनमें फूलपुर, खैर व गाजियाबाद भाजपा के पास और मझवां उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी के पास थीं, जबकि मीरापुर सीट रालोद के पास थी। पार्टी इन सीटों पर पंजा लड़ाना चाह रही थी। 

    कांग्रेस अपनी कोशिश में लगी थी पर सपा ने नौ अक्टूबर को छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को पहला झटका दे दिया था। सपा खैर व गाजियाबाद सीट ही कांग्रेस को दे रही थी। कांग्रेस इन दोनों ही सीटों पर भाजपा की कड़ी चुनौती को भांपते हुए फूलपुर व मझवां हासिल करना चाह रही थी। सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान तो खूब चली पर बात नहीं बनी। 

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्विजेन्द्र त्रिपाठी कहते हैं कि कभी-कभी बड़े लक्ष्य को साधने के लिए छोटी चीजों का त्याग करना पड़ता है। कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य भाजपा को हराना है। राहुल गांधी कहते हैं कि गठबंधन का मूल संदेश दिखना भी चाहिए। पार्टी ने इसे देखते हुए ही उपचुनाव में खुद मैदान में न उतरकर सपा प्रत्याशियों का पूरा समर्थन करने का निर्णय किया है।

    वार रूम के जरिए अपनी सक्रियता बनाए रहेगी कांग्रेस

    लोकसभा चुनाव की जीत से उत्साहित कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए सभी सीटों अपने वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी व पर्यवेक्षक नियुक्त किये हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में जाकर बैठकें की हैं। 

    कांग्रेस ने सभी सीटों पर संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन के माध्यम से भी अपने पक्ष में माहौल बनाया। पार्टी ऐसी गतिविधियां बढ़ाकर प्रदेश में संगठन को नए सिरे से सक्रिय करने के प्रयास में है। लोकसभा चुनाव की तर्ज पर वार रूम के माध्यम से सभी सीटों पर बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) भी नियुक्त किए जा रहे हैं। 

    वार रूम के वरिष्ठ सदस्य संजय दीक्षित का कहना है कि कांग्रेस ने उपचुनाव की सीटों पर अब तक 3,200 बीएलए बनाए जा चुके हैं। वार रूम के माध्यम से कार्यकर्ताओं को सपा प्रत्याशियों को जिताने में पूरी सक्रियता बरतने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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