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    भवन निर्माण उपविधि में संशोधन, अब यूपी में 4 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर भी मिलेगी बिल्डिंग बनाने की अनुमति

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 02:00 AM (IST)

    राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण की भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों में संशोधन किया है। नए नियम के अनुसार, चार मीटर से कम चौड़ी सड़क के मामले में यदि भूखंड सड़क के मध्य से दो मीटर की दूरी पर है तो भवन निर्माण की अनुमति दी जा सकेगी। इसके अलावा, व्यावसायिक भवनों के सेटबैक और पोर्च मानकों में भी बदलाव किया गया है।    

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सरकार ने लगभग साढ़े चार माह पहले लागू की गई उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों में कुछ संशोधन किए हैं। संशोधन के तहत अब निर्मित क्षेत्र में चार मीटर से भी कम चौड़ी सड़क होने पर यदि भूखंड के आगे सड़क के मध्य से दो मीटर की दूरी है तो भवन निर्माण की अनुमति दी जा सकेगी। संशोधित उपविधि में व्यावसायिक भवनों के मामले में सेटबैक, पोर्च के मानकों में भी बदलाव किया गया है।

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    अब केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार ही पेट्रोल पंप के लिए मानक होंगे। उपविधि में संशोधन के साथ ही आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 के प्रविधान के संबंध में स्पष्टीकरण भी जारी किया गया है। आवास एवं शहरी नियोजन के प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद ने चार जुलाई 2025 से लागू उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियों-2025 और जोनिंग रेगुलेशन्स को लेकर हो रही दिक्कतों के संबंध में कठिनाई निवारण समिति के सुझाव पर उपविधि को जहां संशोधित करते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किया, वहीं रेगुलेशन्स के संबंध में स्पष्टीकरण भी दिया गया है।

    उपाध्यक्षों को भेजे गए आदेश में किया स्पष्ट

    आवास एवं विकास परिषद के आवास आयुक्त और सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को भेजे गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि नौ मीटर न्यूनतम चौड़ाई वाली सड़कों पर उपविभाजन की अनुमति होगी। आवासीय के साथ ही गैर आवासीय मामले में भी उपविभाजन की अनुमति मिलेगी। स्टिल्ट को पार्किंग के रूप में इस्तेमाल करने पर उसको एक तल के रूप में नहीं माना जाएगा। स्पष्ट किया गया है कि 15 मीटर से अधिक ऊंचे भवनों में बेसमेंट शामनीय नहीं होगा।

    इसी तरह भवन निर्माण के मानकों के संबंध में और भी स्पष्टीकरण और संशोधन किए गए हैं। उल्लेखनीय है 17 वर्ष पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008, शमन उपविधि-2009 और उससे संबंधी 20 शासनादेश को समाप्त कर सरकार ने जुलाई में नए सिरे से बनाई गई उपविधि व जोनिंग रेगुलेशन्स लागू किए थे। इसके तहत भवन बनाने वालों को पहले से कहीं ज्यादा निर्माण और चौड़ी सड़क किनारे स्थित आवासीय भवनों के मिश्रित उपयोग की अनुमति सहित तमाम सहूलियतें दी गई हैं।

    दी गई थी छूट

    नई उपविधि के माध्यम से पहली बार वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार 10 लाख तक आबादी वाले नगरों में 18 मीटर व उससे ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में 24 मीटर रोड किनारे स्थित भवनों के मिश्रित उपयोग (मिक्स्ड यूज) की छूट दी गई है। इससे आवासीय भवन में दुकान या कार्यालय आदि भी अब खोले जा सकते हैं।