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    UP Budget Session: सपा के 14 विधायकों ने राम मंदिर पर बधाई प्रस्ताव का किया विरोध बाकी सदस्यों ने...

    Updated: Tue, 06 Feb 2024 02:04 PM (IST)

    सदन में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बधाई प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस मौके पर उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। विधान सभा अध्यक्ष ने पूछा कि जो सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में न हों वे ‘ना’ कहें। इस पर स्वामी ओमवेश सहित सपा के 14 सदस्यों ने हाथ उठा दिया जबकि बाकी सदस्य खामोश रहे।

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    विधानसभा में राम मंदिर पर प्रस्तुत किए गए बधाई प्रस्ताव का हाथ उठाकर विरोध करते सपा सदस्य l वीडियो ग्रेब

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र में सोमवार को विधान सभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए तब असहज स्थित पैदा हो गई, जब अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सफल के लिए सत्तापक्ष की ओर से प्रस्तुत बधाई प्रस्ताव का इनके 14 सदस्यों ने विरोध किया, जबकि बाकी अन्य सदस्यों ने पक्ष में मत व्यक्त किया।

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    सदन में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बधाई प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर लगभग 500 वर्षों के अंतराल के बाद 22 जनवरी को प्रभु के बालस्वरूप विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करके नया इतिहास रचने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हम बधाई देते हैं।

    161 वर्ष तक न्यायालय में मुकदमा चलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या धाम में भव्य व दिव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हुआ है। इस सदी की यह सबसे बड़ी घटना है जिसके कारण इतने वर्षों के बाद हमारा गौरव लौट आया है। यह मंदिर केवल सामाजिक और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को ही मजबूत नहीं करेगा बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी इससे बहुत बढ़त मिलेगी।

    विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि जो सदस्य बधाई प्रस्ताव के पक्ष में हों, वे ‘हां’ कहें। इसके बाद भाजपा व सहयोगी दलों के सदस्यों ने हां कहा। विधान सभा अध्यक्ष ने फिर कहा कि जो सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में न हों, वे ‘ना’ कहें।

    इस पर स्वामी ओमवेश सहित सपा के 14 सदस्यों ने हाथ उठा दिया जबकि बाकी सदस्य खामोश रहे। इसका आशय यह हुआ कि सपा के इन 14 सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया। बाद में इसे लेकर विपक्ष-सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी में खूब चर्चा होती रही।