UP Budget 2024: बजट में किसानों को बड़ी सौगात; मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना शुरू, निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर बिजली
Chief Minister Farm Security Scheme In UP Budget वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना भी शुरू की जा रही है। इसके अलावा किसानों के निजी ट्यूबवेल को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 2400 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। यह राशि चालू वित्त वर्ष में उपलब्ध कराए गए बजट से 25 प्रतिशत अधिक है।
डिजिटल डेस्क्, लखनऊ। योगी सरकार सोमवार को विधानमंडल में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। लोक सभा चुनाव के दृष्टिगत सरकार भाजपा के एजेंडा के अनुरूप बजट के माध्यम से युवाओं, किसानों, महिलाओं और गरीबों को साधने के जतन किया।
किसानों के ये है खास
- कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 2400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है।
- पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन हेतु 449 करोड़ 45 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
- कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से तीन नई योजनायें प्रारम्भ की जा रही है। राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खंडों एवं ग्राम पंचायतों में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन- ऑटोमैटिक रेन गेज की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इन योजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये, 200 करोड़ रुपये एवं 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) हेतु 4867 करोड़ 39 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है। उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना हेतु 33 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2016 में मात्र 1.40 लाख आवास स्वीकृत किये गये थे जबकि हमारी सरकार द्वारा अब तक 36 लाख 15 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से 34 लाख 14 हजार आवास पूर्ण किये जा चुके हैं और शेष निर्माणाधीन है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 2441 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-2019 से 2023-2024 तक अद्यावधिक 2 लाख 3 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है। योजना हेतु 1140 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 3668 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 लाख मकान निर्मित किये गये, जबकि वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल लगभग 35,236 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तान्तरित की गयी है। योजना हेतु लगभग 3948 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2021 में शुरू की गई अमृत 2.0 योजना के लिए 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत अधिक है।
- मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है। नगरीय सेवायें और अवस्थापना विकास की नई योजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है।
- कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है।
- मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण- नये शहर प्रोत्साहन के अन्तर्गत टाउनशिप विकसित किये जाने हेतु वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 5 वर्षों में 22000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी जो अब लगभग 2600 मेगावॉट है।
- पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्पों के सोलराईजेशन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुना है।
- निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
- हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स यथा अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट को विकसित किया जा चुका है तथा म्योरपुर (सोनभद्र) और सरसावा (सहारनपुर) एयरपोर्ट्स का विकास कार्य प्रशस्त है।
- विभिन्न जिलों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
- चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण, नवनिर्माण, पुर्ननिर्माण कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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