UP budget 2022: एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था की ओर यूपी के तेज कदम, अखिलेश सरकार की तुलना में दोगुणा हुआ योगी सरकार का बजट
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने के साथ ही एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था की ओर अपने कदम तेज कर दिए हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप के बावजूद प्रदेश सरकार के बजट का आकार बढ़ता गया।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो । देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया तो सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश ने एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली। इस संकल्प में बाधा बनकर कोरोना की महामारी भी आई, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुशल प्रबंधन, औद्योगिक निवेश और विकास योजनाओं से लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।
अब जिस तरह से प्रदेश का बजट अखिलेश सरकार की तुलना में लगभग दोगुणा हो चुका है, यह एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ते कदमों की आहट है। योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 6,15,518.97 रुपये के अब तक के सबसे बड़े बजट की घोषणा की।
यह वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए अखिलेश सरकार द्वारा पेश किए गए 3,46,935 करोड़ रुपये के बजट से लगभग दोगुणा है। यह वित्त वर्ष 2021-22 के लिए योगी सरकार के 5,50,270.78 करोड़ रुपये के बजट से भी काफी अधिक है। 39,181.10 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं, जो सपा सरकार के बजट की 13,842 करोड़ रुपये की नई विकास योजनाओं के प्रस्ताव से तीन गुणा अधिक है।
प्रदेश की मजबूत होती अर्थव्यवस्था की गवाही राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की बढ़ती दर भी देती है। यह वर्ष 2015-16 में 10,98,912 करोड़ रुपये, 2016-17 में 12,47,658 करोड़ रुपये थी। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई। कोरोना महामारी के विकराल संकट के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-22 में जीएसडीपी 17,49,469 करोड़ रुपये हो गई, जिसके 2022-23 में 20,48,264 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है।
यूं बढ़ा बजट का आकार: वित्तीय वर्ष- मूल बजट2015-16- 302687.32 करोड़ 2016-17- 346934.78 करोड़ 2021-22- 550270.78 करोड़ 2022-23- 615518.97 करोड़
मजबूत हुआ बैंकिंग क्षेत्र: प्रदेश की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का एक संकेत यह भी है कि बैंकिंग क्षेत्र भी पहले की तुलना में मजबूत हुआ है। पिछले पांच वर्षों में बैंकिंग व्यवसाय में वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च, 2017 में यह 12,79,995 करोड़ रुपये था, जो दिसंबर, 2021 में बढ़कर 20,39,898 करोड़ रुपये हो गया। यह लगभग 7.50 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि है। इसी तरह बैंकों का ऋण जमा अनुपात मार्च, 2017 में 46.21 प्रतिशत था, जो मार्च, 2022 में बढ़कर 52.38 प्रतिशत हो गया। यह छह प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोतरी है।