UP BTC Teacher Union: शिक्षामित्रों को फिर से शिक्षक बनाने की मांग, कहा- 10 हजार से भरण-पोषण संभव नहीं
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने सरकार से शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन करने की मांग की है ताकि शिक्षामित्रों को फिर से शिक्षक पद पर समायोजित किया जा सके। संगठन का कहना है कि शिक्षामित्र 25 वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में सेवा दे रहे हैं और उनका सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है। वर्तमान में 10 हजार रुपये के मानदेय में परिवार का भरण-पोषण मुश्किल है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन कर शिक्षामित्रों को फिर से शिक्षक पद पर समायोजित किया जाए। संगठन ने कहा है कि ऐसा होने पर ही 25 वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षामित्रों और उनके स्वजन का जीवन सम्मानजनक तरीके से चल सकता है।
शनिवार को दारुलसफा में आयोजित संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी में प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि महज 10 हजार रुपये मानदेय में किसी भी परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है। शिक्षामित्र लगातार अपनी पीड़ा सरकार तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
प्रदेश महामंत्री संदीप दत्त ने कहा कि शिक्षा मित्र प्राथमिक शिक्षा की रीढ़ हैं, जो बच्चों के भविष्य की नींव तैयार कर रहे हैं। दो महीने पूर्व आयोजित समर कैंप में ड्यूटी करने वाले शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को उनका मानदेय नहीं मिला है। मानदेय जल्द दिए जाने की मांग की। वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेंद्र, उपाध्यक्ष रश्मिकांत द्विवेदी, कोषाध्यक्ष सुधोसकर, विनय सिंह, धर्मपाल सिंह, अजित सिंह, अरविंद यादव, अमित सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए।
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