बेंगलुरु के इन्वेस्टर्स ने CM योगी को दिया 6500 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव, मुख्यमंत्री से मिला 45 सदस्यीय डेलिगेशन
बेंगलुरु के निवेशकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उत्तर प्रदेश में 6500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए। मुख्यमंत्री ने भरोसा ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बेंगलुरु के निवेशकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें राज्य में 6500 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए उत्तर प्रदेश में निवेशकों की पाई-पाई सुरक्षित है। अब यूपी में निवेशकों को निवेश के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। बीते कई दशकों तक राजनीतिक अस्थिरता और गलत धारणाओं के कारण प्रदेश की छवि पूरे देश में नकारात्मक बनी रही। अब उन पुरानी धारणाओं को पीछे छोड़कर नए उत्तर प्रदेश को जानने और समझने की आवश्यकता है।
गुरुवार को अपने सरकारी निवास पर बेंगलुरु के वेल्थ मैनेजमेंट समूह (डब्ल्यूएमजी) के 45 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक की। उन्होंने निवेशकों से कहा कि पूंजी तभी सुरक्षित रह सकती है जब समाज और राज्य सुरक्षित हों। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे थे, जबकि आज देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का लगभग 55 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश के पास है।
वर्ष 2018 में जब पहला निवेश सम्मेलन आयोजित किया गया था, तब अधिकारियों को केवल 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद थी। सरकार ने देशभर में रोड शो किए और निवेशकों से सीधा संवाद किया। परिणामस्वरूप 2018 के सम्मेलन में 4.67 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके बाद वर्ष 2023 में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले।
क्या बोले सीएम योगी?
योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ईज आफ डूइंग बिजनेस (कारोबार में सुगमता), मजबूत बुनियादी ढांचा, उद्योग अनुकूल वातावरण, भूमि और बिजली की उपलब्धता तथा कुशल मानव संसाधन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। 96 लाख से अधिक इकाइयों के साथ यह देश का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है। मुख्यमंत्री ने उद्योग प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे पूरे उत्तर प्रदेश का भ्रमण करें, यहां आए बदलाव और व्यावसायिक अनुकूलता का प्रत्यक्ष अनुभव करें और फिर निवेश करें।
मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान उद्यमियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश, विस्तार और दीर्घकालिक कारोबारी संभावनाओं को लेकर सार्थक और व्यावहारिक संवाद हुआ। इस अवसर पर विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में विकसित हो रहे उद्योग-अनुकूल वातावरण, मजबूत कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे में आए व्यापक सुधारों पर भरोसा जताते हुए अपने विचार मुख्यमंत्री के समक्ष साझा किए।
जान डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि उदित ने कहा कि उनकी कंपनी वर्तमान में उत्तर प्रदेश में विस्तार की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। इंडिजेन लिमिटेड के डा. सौरभ जैन ने कहा कि उनकी कंपनी उत्तर प्रदेश में डिजिटल हेल्थ के क्षेत्र में निवेश करना चाहती है और नया कार्यालय स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
जेनफोल्ड वेंचर्स एलएलपी के प्रबंध निदेशक अरुण दुबे ने कहा कि प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और सरकार का सहयोगात्मक रवैया निवेशकों में विश्वास पैदा कर रहा है। कागुनिथा कंसल्टेंसी व डब्ल्यूएमजी समूह के प्रनिनिधि कार्तिक एस. ने भी उत्तर प्रदेश में निवेश में रुचि दिखाई। निवेशकों ने विनिर्माण, ग्रीन एनर्जी, बायो रिफाइनरी, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण और सेवा व पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव दिए हैं।
दुनियाभर के निवेशक यूपी में निवेश के इच्छुक
सलाहकार डा. केवी राजू की अध्यक्षता में डब्ल्यूएमजी के प्रतिनिधियों की बैठक में उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्य के रूप में रेखांकित किया गया। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ इन्फ्रास्ट्रक्चर, व्यवसाय-अनुकूल नीतियों तथा निवेशकों की सुविधा को लेकर दुनियाभर के निवेशक राज्य में निवेश के इच्छुक हैं। क्लेवर्क्स स्पेसेज के संस्थापक अभिजीत शशिधर, अमेरिकन एयर फिल्टर्स (डाइकिन) के सीओओ शैलेश निगम ने उन्नत एयर फिल्टरेशन, कंगारू केयर वीमेन एंड चाइल्ड हास्पिटल्स के संस्थापक एवं सीईओ डा. शेखर सुब्बैया ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर व नोएडा में अपने केंद्र स्थापित करने की योजना बताई। इंडिया वन एटीएम के सीईओ कुमार कृष्णन ने डिजिटल वित्तीय अवस्थापना में निवेश में इच्छा जताई।

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