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    शिक्षक ना CTET फॉर्म भर पा रहे, ना शुरू हो पा रहा ब्रिज कोर्स, B.Ed डिग्रीधारी टीचरों के सामने आवेदन को लेकर आ रही परेशानी

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 11:46 PM (IST)

    परिषदीय विद्यालयों में पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले बीएड डिग्रीधारी शिक्षक परेशानी में हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सेवा में बने रहने के ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले बीएड डिग्रीधारी शिक्षक इन दिनों परेशानी में हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि सेवा में बने रहने के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। जिन शिक्षकों के पास टीईटी नहीं है, उन्हें दो साल के भीतर टीईटी उत्तीर्ण करना होगा। इसके अलावा प्राइमरी से जूनियर में पदोन्नति चाहने वाले शिक्षकों के लिए उच्च प्राथमिक टीईटी आवश्यक है। इसके बावजूद पिछले दो वर्षों से यूपी टीईटी की आवेदन प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई है।

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    उधर, सीटीईटी (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) के फार्म निकल चुके हैं। 18 दिसंबर तक आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित है, लेकिन बीएड पास शिक्षक आवेदन भी नहीं भर पा रहे हैं। सीटीईटी आवेदन फार्म में प्राइमरी स्तर (कक्षा 1–5) के लिए बीएड डिग्रीधारियों का विकल्प ही नहीं है, क्योंकि एनसीटीई के नियमों के अनुसार प्राइमरी शिक्षक के लिए केवल डीएलएड (बीटीसी) ही मान्य योग्यता है।

    नहीं हो पा रहे आवेदन

    इस कारण प्रदेश के करीब पौने दो लाख बीएड शिक्षक, जो पहले से प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं और टीईटी अनिवार्यता के दायरे में आते हैं, आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सिंह का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी अनिवार्य कर रखा है तो पहले से प्राथमिक विद्यालयों में बीएड के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को आवेदन का विकल्प मिलना चाहिए।

    यूपी टीईटी वर्ष में दो बार होनी चाहिए, लेकिन दो साल से परीक्षा ही नहीं कराई गई है। इससे शिक्षक अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। इसके साथ ही बीएड करने वाले वे शिक्षक जिन्होंने विशिष्ट बीटीसी का छह माह का ब्रिज कोर्स अभी तक नहीं किया है, वे भी संकट में हैं। एनआइओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) से यह कोर्स कराने का शेड्यूल एक दिसंबर 2025 से 30 मई 2026 तक तय किया गया था, लेकिन कोर्स का प्रस्ताव जारी ही नहीं हुआ। इसकी वजह से शिक्षक ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं।

    शिक्षकों का कहना है कि टीईटी अनिवार्यता, सीटीईटी में विकल्प न मिलना और ब्रिज कोर्स का अटक जाना, तीनों मिलकर उनके भविष्य और पदोन्नति पर बड़ा संकट खड़ा कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने सरकार और विभागों से तुरंत समाधान निकालने की मांग की है, ताकि हजारों शिक्षकों की सेवा सुरक्षित रह सके।