यूपी बनेगा देश का पहला 'गरीबी मुक्त' प्रदेश, CM Yogi ने किया बड़ा दावा
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को अगले एक वर्ष में गरीबी मुक्त बनाने का नया संकल्प लिया है। यूपी देश का पहला ऐसा प्रदेश होगा जो गरीबी मुक्त होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे निर्धनतम परिवारों को चिह्नित कर उन्हें गरीबी से बाहर निकाला जाएगा। हर ग्राम पंचायत में 10 से 25 निर्धनतम परिवार चिह्नित किए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को अगले एक वर्ष में "गरीबी मुक्त" बनाने का नया संकल्प लिया है। यूपी देश का पहला ऐसा प्रदेश होगा जो गरीबी मुक्त होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे निर्धनतम परिवारों को चिह्नित कर उन्हें गरीबी से बाहर निकाला जाएगा।
हर ग्राम पंचायत में 10 से 25 निर्धनतम परिवार चिह्नित किए जाएंगे। फिर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए मिशन मोड पर इस महाभियान को चलाया जाएगा। सभी निर्धन परिवारों को भोजन व वस्त्र की उपलब्धता के साथ-साथ मकान की सुविधा, अच्छी शिक्षा व चिकित्सा दिलाई जाएगी। उन्हें सुनिश्चित आय से जोड़ने का भी प्रबंध किया जाएगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से बुधवार को इसे लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया। सभी जिलों में इस कार्य के लिए मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) को नोडल अधिकारी बनाया गया है। गरीबों का चयन चार मानकों के आधार पर किया जाएगा। पहला जिनके पास अपना मकान नहीं है या फिर कच्चा मकान है।
दूसरा भूमिहीन वह परिवार जिनका कृषि परक आजीविका के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। तीसरा दिहाड़ी मजदूरी व कृषि मजदूरी पर आधारित वह परिवार जिनकी अनिश्चित व अनियमित आय है। चौथा मानक यह होगा कि जिन परिवारों में आर्थिक संसाधनों की कमी है और परिवार में हमेशा खाने पीने की कमी रहते है। इन मानकों के आधार पर निर्धनों को चिह्नित किए जाने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।
गरीबी मुक्त प्रदेश बनाने के लिए इन निर्धन परिवारों पर केंद्रित करते हुए विभिन्न योजनाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। उनके लिए सुनिश्चित आय के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे और उन्हें गरीबी से मुक्त कराया जाएगा। चिह्नित करने की प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों, अधिकारियों व ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
त्रिस्तरीय जांच के बाद जीरो पावर्टी पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन
प्रत्येक ग्राम पंचायत में सबसे गरीब 10 से 25 परिवारों को चिह्नित करने के लिए त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था अपनाई जाएगी। पहले माप-अप मोबाइल एप पर इन गरीबों का डाटा अपलोड किया जाएगा। फिर ग्राम स्तरीय कर्मचारी, कैडर पंचायत सहायक, ग्राम रोजगार सेवक, आजीविका मिशन से संबद्ध समूह सखी और बीसी सखी के माध्यम से ऐसा परिवार के मुखिया की उपस्थिति में स्थलीय निरीक्षण करेंगी।
अगर किसी परिवार के पास स्मार्ट मोबाइल फोन है तो वह स्वयं भी इसकी सूचना भर सकेंगे। स्थलीय निरीक्षण के बाद जीरो पावर्टी पोर्टल पर परिवार का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। गलत सूचना देने पर कार्रवाई होगी। दूसरे स्तर पर हर ग्राम पंचायत में पांच सदस्यीय ग्राम स्तरीय कमेटी गठित होगी।
इसमें ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के हेड मास्टर और स्वयं सहायता समूह के सदस्य होंगे। अगर कोई स्वयं सहायता समूह नहीं है तो फिर आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगी। फिर तीसरे स्तर पर इनका डिजिटल पंजीकरण होगा।
फैमिली आइडी बनेगी, गलत सूचना देने पर कार्रवाई
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की देखरेख में प्रदेश स्तर पर परफार्मेंश सपोर्ट यूनिट बनाई जाएगी। यह यूनिट प्रत्येक जिले के डाटा का अपने स्तर पर जांच करेगी। संदेहास्पद रिकार्ड का स्थलीय निरीक्षण कराया जाएगा। सूचना गलत पाए जाने पर विशेषज्ञ टीम संबंधित कैडर व ग्राम स्तरीय समिति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सभी निर्धनतम परिवारों को फैमिली आइडी भी दी जाएगी। जीरो पावर्टी पोर्टल और फैमिली आइडी पोर्टल को आपस में जोड़ा जाएगा। ऐसे निर्धनतम परिवार जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से लाभान्वित नहीं हैं या जिनका फैमिली आइडी नहीं है। उनकी फैमिली आइडी व राशन कार्ड बनवाया जाएगा।
आय के साधनों से जोड़ेंगे, दिलाएंगे योजनाओ का लाभ
निर्धनतम परिवारों को खाद्य एवं रसद विभाग की योजनाएं जिसमें राशन कार्ड व राशन उपलब्ध कराना शामिल है, वह दिलाया जाएगा। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ, बच्चों का स्कूल में दाखिला और निश्शुल्क यूनिफार्म इत्यादि दिलाई जाएगी, आयुष्मान योजना से पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा, मनरेगा और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और समेकित बाल विकास सेवा योजना सहित गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
इन्हें आय के लिए एक विशिष्ट आर्थिक परियोजना तैयार की जाएगी। शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थियों को चयनित कर इन परिवारों से जोड़ा जाएगा। विद्यार्थी परिवार को आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए रिपोर्ट देंगे। प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और सिविल सोसाइटी के लोगों की मदद ली जाएगी।