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    UP Medical Admission Fraud: आयुष कालेजों में फर्जी एडमिशन केस में निलंबित आयुर्वेद निदेशक समेत 12 गिरफ्तार

    By Alok MishraEdited By: Umesh Tiwari
    Updated: Fri, 18 Nov 2022 06:59 AM (IST)

    UP Ayush College Admission Scam यूपी के आयुष कालेजों में फर्जी एडमिशन केस में निलंबित आयुर्वेद निदेशक प्रो. डा. एसएन सिंह समेत 12 आपोपितों को गिरफ्तार किया गया है। यूपी एसटीएफ ने लंबी छानबीन के बाद यह कार्रवाई की है।

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    UP Ayush College Admission Scam: एसटीएफ ने लंबी छानबीन के बाद की कार्रवाई।

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के आयुष कालेजों में 891 फर्जी छात्रों के प्रवेश के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने लंबी छानबीन के बाद कार्रवाई की है। मामले में दोषी पाए गए निलंबित कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं (सदस्य सचिव काउसिलिंग मूलपद प्रिसिंपल) प्रो. डा. एसएन सिंह व निलंबित प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं (मूलपद प्रोफसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ) डा.उमाकांत यादव समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।

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    सभी आरोपितों का दाखिला लखनऊ की हजरतगंत कोतवाली में कराया गया है। इनमें डाटा फीडिंग का काम कर रही कंपनी अपट्रान पावरट्रानिक्स के कर्मचारी भी हैं। सूत्रों का कहना है कि अपट्रान द्वारा द्वारा नामित वेंडर कंपनी का प्रतिनिधि कुलदीप भी पकड़ा गया है। शासन ने सात नवंबर को ही इस मामले की जांच सीबीआइ से कराए जाने की सिफारिश भी की थी। हालांकि सीबीअाइ ने अब तक यह केस अपने हाथ में नहीं लिया है।

    प्रदेश के आयुष कालेजों में पिछले शैक्षिक सत्र-2021 में कुल 891 फर्जी छात्रों के प्रवेश का गंभीर मामला सामने आया था, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया था। प्रकरण में तत्कालीन कार्यवाहक निदेशक, आर्युवेदिक सेवाएं प्रो.एसएन सिंह की ओर से चार नवंबर को हजरतगंज कोतवाली में डाटा फीडिंग का काम कर रही कंपनी अपट्रान पावरट्रानिक्स तथा उसके द्वारा नामित वेंडर कंपनी वी-3 साफ्ट साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह समेत अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच एसटीएफ को सौंप दी थी, जिसके बाद से पूरे प्रकरण में शामिल लोगों की छानबीन की जा रही थी। संदेह के घेरे में आए कई लोगों से अलग-अलग पूछताछ किए जाने के साथ ही एसटीएफ ने 23 कालेजों के प्राचार्याें को नोटिस देकर तलब किया था और उनसे भी बारी-बारी पूछताछ की चल रही थी।

    जांच में सामने आया कि आयुर्वेद, होम्योपैथिक व यूनानी कालेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों के दाखिलों में खूब धांधली की गई। मेरिट सूची में खेल कर अधिकारियों व कंपनी की मिलीभगत से बीएएमएस, बीयूएमएस व बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में ऐसे लगभग 891 विद्यार्थियों को गलत ढंग से दाखिला दिए जाने की पुष्टि हुई है। जिसके बाद 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    उल्लेखनीय है कि बीते शैक्षिक सत्र-2021 में नीट-यूजी की मेरिट को दरकिनार कर ऐसे कई अभ्यर्थियों को आयुष कालेजों में प्रवेश दिया गया, जिनके नाम मेरिट लिस्ट में नहीं थे। आयुर्वेद, होम्योपैथिक व यूनानी कालेजों में 891 फर्जी छात्रों के प्रवेश दिया गया था। इतना ही नहीं, कम मेरिट वाले छात्रों को अच्छे कालेज भी आवंटित किए गए थे। शासन के निर्देश पर फर्जी प्रवेश पाने वाले छात्रों काे निलंबित किया जा चुका है।