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    योगी सरकार की नीतियों से यूपी को लेकर बढ़ा विदेशी निवेशकों का भरोसा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में हो रही क्रांति

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 07:09 PM (IST)

    योगी सरकार की नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। विशेष रूप से, राज्य के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में उल्लेखनीय प्रग ...और पढ़ें

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    योगी आदित्यनाथ सरकार के विजन से यूपी बन रहा वैश्विक निवेश का नया गंतव्य

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेश (Global Investment) के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। यह परिवर्तन राज्य सरकार की पारदर्शी, सक्षम और उद्योग-अनुकूल नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है। जहां अंतरराष्ट्रीय कंपनियां सुरक्षित, मजबूत और विशाल बाजार की तलाश कर रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश अपनी विशाल जनसंख्या, मजबूत उपभोक्ता आधार, बेहतरीन कनेक्टिविटी और तेजी से सुधरते इंफ्रास्ट्रक्चर के बल पर उनके लिए सबसे आकर्षक केंद्र बन चुका है। हाल ही में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के प्रयासों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा था, "उत्तर प्रदेश अब सिर्फ निवेश की संभावना नहीं, बल्कि निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है।" यह कथन न केवल एक आत्मविश्वास है, बल्कि धरातल पर हुए क्रांतिकारी बदलावों का प्रमाण भी है।

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    निवेश और विकास की कहानी

    • अभूतपूर्व औद्योगिक माहौल और नीतिगत सुधार

    योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में निवेशकों के लिए जो स्थिर और अनुकूल वातावरण तैयार किया है, उसने विदेशी कंपनियों को लखनऊ, नोएडा, कानपुर और ग्रेटर नोएडा जैसे प्रमुख शहरों की ओर आकर्षित किया है। सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम और उद्योग-अनुकूल नीतियों के माध्यम से निवेश की राह में आने वाली हर बाधा को युद्ध स्तर पर दूर किया है। विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की लगातार बढ़ती यात्राएं और विभिन्न देशों द्वारा उत्तर प्रदेश को प्रमुख निवेश योग्य श्रेणी में रखना इस बात की पुष्टि करता है कि राज्य में क्रन्तिकारी बदलाव आया है।

    • आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स में वैश्विक हब

    उत्तर प्रदेश की गति आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। वैश्विक सप्लाई चेन की सक्रिय भागीदारी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा को देश के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में स्थापित कर दिया है। बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां यहां मोबाइल निर्माण, कंपोनेंट निर्माण और डेटा आधारित सेवाओं में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। इन क्षेत्रों में तैयार हो रहे अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग गलियारे ने प्रदेश को एशिया के प्रमुख तकनीकी केंद्रों की कतार में ला खड़ा किया है।

    • बढ़ता विदेशी निवेश और प्रमुख आंकड़े

    सरकार की पारदर्शी नीतियों का सीधा असर विदेशी निवेश के आंकड़ों में दिखता है:

    1. सितंबर 2025 तक विदेशी निवेश: वित्तीय वर्ष 2025-26 के इस अवधि तक प्रदेश को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है।
    2. संचयी निवेश (अक्टूबर 2019 से): उत्तर प्रदेश का कुल संचयी विदेशी निवेश 2,754 मिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर तक पहुंच गया है।
    3. एफडीआई एफसीआई फॉर्च्यून-500 नीति, 2023: इस नीति के तहत 11 निवेश प्रस्ताव 13,610 करोड़ रुपये के हैं, जबकि पाइपलाइन में 56,000 करोड़ रुपये के 29 प्रस्ताव शामिल हैं।
    4. प्रमुख निवेशक देश: जापान, अमेरिका और बेल्जियम जैसे देश उत्तर प्रदेश में प्रमुख निवेशक देशों में सम्मिलित हैं।
    • रोजगार सृजन और कौशल विकास पर जोर

    अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से स्थानीय युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों में बड़ी वृद्धि हुई है। लाखों युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, लॉजिस्टिक्स और ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़े उद्योगों में प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सरकार द्वारा संचालित कौशल विकास मिशन विदेशी कंपनियों की मांग के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन (Skilled Manpower) तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार का अंतिम लक्ष्य आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को भारत का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र (Manufacturing Hub) बनाना है।