'कोर्ट के मामलों की सदन में चर्चा नहीं होती...', सपा ने जाहिद बेग का मुद्दा उठाया तो क्या बोले सुरेश खन्ना?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने भदोही के विधायक जाहिद बेग की गिरफ्तारी और उनके उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। सपा सदस्यों ने कहा कि उन्हें झूठे साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उनके खिलाफ चार्जशीट लग चुकी है। जो मामला न्यायालय में विचाराधीन होता है उसकी यहां चर्चा नहीं की जाती है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को विधानसभा में भदोही के विधायक जाहिद बेग की गिरफ्तारी और उनके उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। सपा सदस्यों ने कहा कि उन्हें मिथ्या साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उनके खिलाफ चार्जशीट लग चुकी है। यूं तो जो मामला न्यायालय में विचाराधीन होता है उसकी यहां चर्चा नहीं की जाती है, लेकिन वे इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मंगवाकर दिखवा लेंगे। उन्होंने सपा सदस्यों के उन आरोपों का खंडन किया कि जिसमें उन्होंने सरकार पर जाति व धर्म विशेष के विधायकों को परेशान करने की बात कही थी।
शून्यकाल के दौरान सपा ने उठाया मुद्दा
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान सपा सदस्य डॉ. आरके वर्मा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सपा के सदस्य जाहिद बेग को पुलिस ने गलत ढंग से गिरफ्तार कर लिया है। अगर पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर गिरफ्तार न करती तो वे आज इस समय कार्यवाही में हिस्सा ले रहे होते।
नौकरानी ने खुदकुशी कर ली थी- सपा सदस्य डॉ. वर्मा
उन्होंने कहा कि उनकी नौकरानी ने खुदकुशी कर ली थी। उनकी मां नूरजहां ने पुलिस से कहा कि विधायक का उनकी बेटी की खुदकुशी से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस को उन्होंने शपथपत्र दिए लेकिन कोई बात नहीं सुनी गई। बाद में न्यायालय में नूरजहां ने फिर से शपथपत्र दिया और कहा कि पुलिस सुन नहीं रही, तब न्यायालय ने मामले में पुनर्विवेचना के आदेश दिए।
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उन्होंने कहा कि कुछ इसी तरह पुलिस ने सपा के वरिष्ठ विधायक रहे आजम खां के साथ किया था। कानपुर के इरफान सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई की गई। डॉ. वर्मा ने सरकार के एक मंत्री का नाम लेते हुए उन्हें और उनके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाए।
एफआइआर में जानबूझकर मंत्री का नाम नहीं दर्ज किया गया। इस पर सदन में मौजूद मंत्री और डा. वर्मा में तीखी नोकझोंक भी हुई। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप किया और मंत्री को शांत करते हुए सपा सदस्य द्वारा की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकालने के आदेश दिए।
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