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अखिलेश को अल्टीमेटम देने के बाद शिवपाल ने की बड़ी बैठक, औवैसी, चंद्रशेखर व ओमप्रकाश राजभर जुटे

UP Assembly Election 2022 समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को प्रसपा तथा सपा के साथ गठबंधन पर बात करने के लिए 11 अक्टूबर तक का समय देने वाले शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को लखनऊ में अपने आवास पर छोटे दल के नेताओं की बड़ी बैठक की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 08:58 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 02:17 PM (IST)
अखिलेश को अल्टीमेटम देने के बाद शिवपाल ने की बड़ी बैठक, औवैसी, चंद्रशेखर व ओमप्रकाश राजभर जुटे
शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में अपने आवास पर नेताओं की बैठक की।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में छोटे दलों को एक साथ लेकर बड़ा मोर्चा तैयार करने की जुगत में लगे प्रगतिशिील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने एक मजबूत कदम बढ़ाया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मंगलवार को प्रसपा तथा सपा के साथ गठबंधन पर बात करने के लिए 11 अक्टूबर तक का समय देने वाले शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को लखनऊ में अपने आवास पर 'छोटे' दल के नेताओं की बड़ी बैठक की।

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शिवपाल सिंह यादव ने प्रसपा की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन ना हो की स्थिति को लेकर भी बड़ा विकल्प तैयार करने की शुरुआत कर दी है। लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग पर बुधवार को उनके आवास पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, एआइएमआइएम असदउद्दीन ओवैसी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने काफी देर तक बैठक की। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर यह कोई नया मोर्चा तैयार कर सकते हैं। जिसकी कमान शिवपाल सिंह यादव के पास रहेगी। शिवपाल सिंह यादव को भी भरोसा है कि इन तीनों दल के साथ कई और छोटे दल उनके साथ हैं।

समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तथा अखिलेश यादव के साथ सुलह की सभी उम्मीद टूटने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी, चन्द्रशेखर से कल भेंट के दौरान नया मोर्चा तैयार करने की पहल की है। शायद प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का समाजवादी पार्टी को सब्र अब जवाब दे रहा है। मंगलवार को इटावा में उन्होंने दो टूक कह दिया कि 11 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। यदि अखिलेश जवाब नहीं देते हैं तो वह 12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन रथ यात्र शुरू कर देंगे। अगले ही दिन यानी बुधवार को ओम प्रकाश राजभर, ओवैसी और चंद्रशेखर लखनऊ में शिवपाल के सरकारी आवास पहुंच गए। वहां करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। बाहर निकलकर किसी ने मीडिया को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन माना जा रहा है भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने लिए शिवपाल से बात हुई है।

योगी आदित्यनाथ सरकार से बर्खास्त होने के बाद भागीदारी संकल्प मोर्चा तैयार कर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर प्रदेश भर में भ्रमण कर अपने पक्ष में माहौल तैयार करने में लगे हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, बिहार व पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारने के बाद एआइएमआइएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में भी अपना पांव जमाने की मुहिम में लगे हैं। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने भी सक्रिय राजनीति में उतरने का एलान किया है। वह उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को बसपा के विकल्प के रूप में खड़ा करने का जतन कर रहे हैं। इन सभी की शिवपाल सिंह यादव के साथ मुलाकात ने नई अटकलों को जन्म दे दिया है।

पिछले चुनाव में भाजपा के सहयोगी रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने छोटे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है। वह अपनी मंशा स्पष्ट कर चुके हैं कि कैसे भी भाजपा को हराना है। उनकी इस मुहिम में ओवैसी कई महीने से हाथ मिलाकर चल रहे हैं। सूबे में दलितों की राजनीति में अपना राजनीतिक भविष्य देख रहे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का रुख मोर्चा का सहभागी बनने के प्रति है। ओवैसी और राजभर की चाय पर कई दौर की चर्चा शिवपाल सिंह यादव के साथ भी हो चुकी है, लेकिन उनका रुख अभी साफ नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के मजबूत सहयोगी माने जा रहे शिवपाल को अब तक पूरी आस थी कि सपा मुखिया अखिलेश उन्हेंं सम्मानजनक सीटें देकर उनकी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे। कई बार वह इस बात को कह भी चुके हैं। शिवपाल इंतजार की मुद्रा में रहे और सपा अध्यक्ष की ओर से कोई स्पष्ट आश्वासन अभी तक नहीं मिला है।

प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ रोकने के लिए सभी दल अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इधर भाजपा ने भी अपनी तैयारी मजबूत कर दी है। भाजपा ने हाल ही में अपना दल व निषाद पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा कर दी है। प्रदेश मे समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस ने भी छोटे दलों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं। 


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