एग्रीकल्चर विभाग डेवलप करेगा यूपी के जैविक उत्पादों का विशेष ब्रांड, कृषि मंत्री ने दिए ये निर्देश
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के प्राकृतिक और जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य स्तरीय ब्र ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के प्राकृतिक व जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए एक राज्य स्तरीय ब्रांड विकसित करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक-जैविक उत्पादों के लिए बाजार की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
हर जिले में उत्पादों की बिक्री के लिए स्थान चिह्नित किए जाएं और किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से रिटेल स्टोर खोलने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। फसलों में किसी भी तरह के हानिकारक तत्वों के अवशेष की जांच के लिए राज्य की सरकारी संस्थाओं से लैब टेस्ट कराए जाएं।
चार सालों में 77.6286 करोड़ किए व्यय
बुंदेलखंड क्षेत्र में संचालित प्राकृतिक व जैविक खेती की बुधवार को समीक्षा के दौरान बताया गया कि वर्तमान में कुल 1073 क्लस्टरों में 42,250 हेक्टेयर क्षेत्र में यह खेती की जा रही है, जिससे इस क्षेत्र के 65,790 किसान जुड़े हैं। पिछले चार वर्षों में 77.6286 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। मंत्री ने योजना में चयनित 470 चैम्पियन फार्मर और 996 सीआरपी-कृषि सखी द्वारा किए गए कार्यों का अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने के निर्देश दिए।
कहा कि अब तक किए गए कार्यों के प्रभाव मूल्यांकन का काम झांसी मंडल में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी से और बांदा मंडल में बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से कराया जाए। बैठक में यह भी तय किया गया कि विश्व मृदा दिवस पर शुक्रवार को राज्य स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिलों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बैठक में गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, सचिव इंद्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव टीके शिबू, निदेशक डा. पंकज त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।
तीन हजार टन से कम स्टाक वाले जिलों को पहले मिलेगी यूरिया रैक
कृषि मंत्री ने उर्वरक आपूर्ति की भी समीक्षा की। निर्देश दिए कि यूरिया के तीन हजार टन से कम बफर स्टाक वाले जिलों को इफको व कृभको की रैक प्राथमिकता के आधार पर भेजी जाए। पीसीएफ परिवहन व्यवस्था की सघन मानीटरिंग करे और प्रत्येक समिति पर कम से कम 25 टन यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश को प्रतिदिन 12 से 13 यूरिया रैक प्राप्त हो रही हैं। रबी सीजन में अब तक 48.89 लाख टन उर्वरक उपलब्ध हुआ था, जिसमें से 26.58 लाख टन का वितरण किया जा चुका है।
वर्तमान में 11.51 लाख टन यूरिया, 3.69 लाख टन डीएपी, 3.81 लाख टन एनपीके, 2.54 लाख टन एसएसपी और 0.76 लाख टन एमओपी उर्वरक उपलब्ध हैं। कालाबाजारी, ओवर रेटिंग आदि रोकने के लिए अब तक 27,315 छापे मारे गए हैं और 5291 नमूने ग्रहित किए गए हैं। 1005 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं ओर 1314 लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। कालाबाजारी में संलिप्त पाए जाने पर 62 दुकानों को सील किया गया है और 200 प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं।

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