यूपी में कैसे बढ़े कृषि विकास की गति? 50 जिलों में कृषि विस्तार अधिकारी ही नहीं, विभाग में 273 पद खाली
उत्तर प्रदेश में कृषि विकास की गति बढ़ाने के लिए कई जिलों में कृषि विस्तार अधिकारियों की कमी है। लगभग 50 जिलों में कृषि विस्तार अधिकारी नहीं हैं, जिसस ...और पढ़ें

दिलीप शर्मा, लखनऊ। कृषि विकास को गति देने की कोशिशों में विभाग की लापरवाही ही राेड़ा बनी हुई है। किसानों की सहायता व उन तक कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने में सहयोग करने वाले कृषि विस्तार अधिकारियाें के 303 में से 273 पद खाली पड़े हुए हैं।
प्रदेश के 50 जिले तो ऐसे हैं, जहां एक भी कृषि विस्तार अधिकारी नहीं है। विभाग, पदों को भरने के बजाय अपने कार्यक्रमों और योजनाओं के संचालन के लिए जिलाें में तैनात ब्लाक प्रौद्योगिकी प्रबंधक (बीटीएम) और सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक (एटीएम) का सहारा ले रहा है, परंतु इससे कृषि विस्तार अधिकारियों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है।
कृषि विभाग द्वारा किसानों की सहायता के लिए कृषि विस्तार अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। ये अधिकारी, किसानों को खेती की नई तकनीकों, मृदा स्वास्थ्य, कीट नियंत्रण, कृषि पद्धतियों और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देकर कृषि की उत्पादकता और कृषकों की आय बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं।
प्रदेश के हर जिले में कृषि विस्तार अधिकारियों के दो से लेकर आठ पद तक स्वीकृत हैं, परंतु वर्तमान में कुल 303 पदों के सापेक्ष केवल 30 पद ही भरे हैं। इन 30 अधिकारियों की 25 जिलों में ही तैनाती है। पांच जिलों में दो-दो अधिकारी तैनात हैं। ऐसे में जिला स्तर पर किसानों के प्रशिक्षण, कृषि विस्तार कार्यक्रमों और योजनाओं के संचालन में मुश्किल आ रही है।
जिलों में कृषि विकास अधिकारियों की उपलब्धता को लेकर सपा सांसद प्रिया सरोज ने लोकसभा में प्रश्न पूछा था। इसके उत्तर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने यह आंकड़े देते हुए बताया कि राज्य की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की केंद्र प्रायोजित स्कीम, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) योजना के तहत 810 बीटीएम और 1799 एटीएम नियुक्त किए गए हैं।
इनके साथ तकनीकी सहायक ग्रुप सी, वरिष्ठ तकनीकी सहायक ग्रुप बी, सब डिविजनल एग्रीकल्चर अधिकारियों की तैनाती का जिलेवार ब्योरा भी दिया गया है। उन्होंने आने वाले दिनों में कृषि विकास अधिकारियों के खाली पदों को भरने की भी बात कही है।
इन जिलों में नहीं हैं कृषि प्रसार अधिकारी
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, कासगंज, हाथरस, एटा, कानपुर देहात, इटावा, कन्नौज, झांसी, ललितपुर, बांदा, महोबा, प्रयागराज, प्रतापगढ़, मीरजापुर, भदोही, सोनभद्र, गाजीपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बलरामपुर, अयोध्या, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, लखनऊ, उन्नाव व लखीमपुर खीरी।
केवल इन जिलाें में है तैनाती
बुलंदशहर, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, फिरोजाबाद, अलीगढ़, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, औरैया, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशांबी, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, मऊ, बलिया, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, हरदोई, सीतापुर और रायबरेली।

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