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    उत्तर प्रदेश में मनरेगा से 48 लाख से ज्याद परिवारों को मिला सहारा, राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 07:00 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मनरेगा के तहत 48 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार मिला है। इनमें 31 प्रतिशत से अधिक परिवार अन ...और पढ़ें

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    मनरेगा के जरिए मजबूत हुआ ग्रामीण रोजगार

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रोजगार सृजन को लेकर सकारात्मक और ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 48 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

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    योगी सरकार की पहल सामाजिक समावेश और समान अवसर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इन लाभार्थी परिवारों में 31 प्रतिशत से अधिक परिवार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। यह आँकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों के सबसे कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की सरकार की प्राथमिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

    समय पर भुगतान से बढ़ा श्रमिकों का भरोसा

    रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ, योगी सरकार ने श्रमिकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा के तहत 97 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों को समय पर भुगतान किया जा चुका है। भुगतान की यह विश्वसनीयता और पारदर्शिता ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में भरोसा बढ़ाने का काम कर रही है, जिससे श्रमिकों को उनकी मेहनत का पूरा और समय पर लाभ मिल रहा है।

    ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती

    योजना के तहत, योगी सरकार ने 6703 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की है। यह भारी-भरकम राशि न केवल लाखों श्रमिकों की आय का स्रोत बनी है, बल्कि गांवों में आधारभूत संरचना के विकास को भी गति प्रदान कर रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आय के नए स्रोत तैयार हुए हैं। यह निवेश उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में एक उत्प्रेरक का काम कर रहा है।

    अनुसूचित जाति-जनजाति को विशेष प्राथमिकता

    योगी सरकार की स्पष्ट सोच है कि लोगों को रोजगार के साथ-साथ सम्मान भी मिले। इसी उद्देश्य के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवारों को मनरेगा में विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इस केंद्रित दृष्टिकोण से इन समुदायों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और उन्हें अपने पैतृक स्थानों पर ही काम मिल रहा है। इसके परिणामस्वरूप, आजीविका के लिए होने वाले पलायन पर भी प्रभावी रोक लगी है।

    समावेशी विकास का मॉडल बना उत्तर प्रदेश

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में रोजगार सृजन का एक बेहतर और समावेशी माहौल बन रहा है। मनरेगा के जरिए गांवों में विकास कार्यों को तेजी मिल रही है, और लाखों परिवार आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। यह समग्र मॉडल उत्तर प्रदेश में समावेशी विकास और एक मजबूत एवं टिकाऊ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करता है, जो देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।