UP News: यूपी-112 ने अब तक बचाई हजारों जानें, आत्महत्या की कोशिश को रोकने में भी बना 'मददगार'
यूपी-112 आपातकालीन सेवा ने 2017 से अब तक 41580 से अधिक आत्महत्या के मामलों में त्वरित कार्रवाई करके अनगिनत लोगों की जान बचाई है। 1 जनवरी 2025 से 31 अगस्त 2025 तक यूपी-112 ने आत्महत्या के प्रयास की 4895 घटनाओं पर तत्परता से कार्रवाई की। पुलिस रिस्पांस व्हीकल कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वे संकटकालीन स्थिति में लोगों की मदद कर सकें।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एकीकृत आपातकालीन सेवा यूपी-112 ने एक बार फिर अपनी प्रतिबद्धता साबित करते हुए हजारों लोगों की जान बचाई है। पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन सेवाओं को एक ही मंच पर लाने वाली यह सेवा, त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।
यूपी-112 के तहत कार्यरत पुलिस रिस्पांस व्हीकल (PRV) कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण में मानसिक स्वास्थ्य संवेदनशीलता, काउंसलिंग के बुनियादी कौशल, प्राथमिक उपचार और सीपीआर (CPR) शामिल हैं। इसी विशेष प्रशिक्षण का परिणाम है कि वर्ष 2017 से अब तक, यूपी-112 की PRV टीमों ने आत्महत्या से संबंधित 41,580 से अधिक सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अनगिनत जिंदगियां बचाई हैं।
आत्महत्या के प्रयास की रोकथाम में अग्रणी भूमिका
हाल के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से 31 अगस्त 2025 तक, यूपी-112 ने आत्महत्या के प्रयास की 4,895 घटनाओं पर समय पर प्रतिक्रिया देकर लोगों के अमूल्य जीवन की रक्षा की है। इस दौरान, जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 225 PRV कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर, यूपी-112 के पुलिस महानिदेशक ने उन तीन कॉल टेकर्स को भी सम्मानित किया, जिन्होंने अपनी सूझबूझ और काउंसलिंग के माध्यम से जीवन बचाने वाली कॉल्स को सफलतापूर्वक संभाला।
वास्तविक घटनाओं के कुछ उदाहरण:
कानपुर नगर: 3 मई, 2025 को गुजेनी थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने गुस्से में आकर खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगाने का प्रयास किया। PRV टीम 0710 ने तुरंत मौके पर पहुंचकर, कमरे की दीवार तोड़कर उस व्यक्ति को फंदे से उतारा। सीपीआर देकर उसकी जान बचाई और तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
आगरा: 9 अप्रैल, 2025 को शाहगंज क्षेत्र में एक महिला अपने दो बच्चों के साथ ओवरब्रिज से कूदकर आत्महत्या का प्रयास कर रही थी। PRV टीम 0031 ने समय रहते उसे पकड़ लिया और उसकी काउंसलिंग की। महिला ने बताया कि वह पारिवारिक विवाद से परेशान थी। PRV ने उसे और उसके बच्चों को सुरक्षित रूप से स्थानीय थाने को सौंपा।
प्रतापगढ़: 27 जून, 2025 को कुंडा थाना क्षेत्र में एक महिला अपने सात महीने के जुड़वां बच्चों के साथ रेलवे ट्रैक पर बैठी थी। सूचना मिलते ही PRV टीम 6588 ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला और बच्चों को ट्रैक से हटाया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
लखनऊ: 9 सितंबर, 2025 को कमिश्नरेट लखनऊ की PRV टीम 4832 को सूचना मिली कि गोमती नदी में एक महिला बह रही है। टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों की मदद से महिला को नदी से बाहर निकाला और उसे एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया।
ये घटनाएं दर्शाती हैं कि यूपी-112 केवल एक आपातकालीन नंबर नहीं, बल्कि नागरिकों के लिए एक जीवन रक्षक सेवा है। अपने ध्येय वाक्य 'आपकी सेवा में सदैव तत्पर' पर केंद्रित रहकर, यह सेवा प्रदेश के लोगों की सुरक्षा और त्वरित सहायता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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